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वर्ल्ड कप शुरू होने से पूर्व किसी ने नहीं सोचा था कि पाकिस्तान ग्रुप ए में पहले पायदान पर रहेगा. लेकिन उन्होंने पहले श्रीलंका को हराया और फिर ऑस्ट्रेलिया के विजय रथ पर रोक लगाई. लेकिन इन सब के बाद जहां सबने सोचा था कि वह न्यूज़ीलैण्ड को हरा देगा वहीं उलटे वह हार गए. जबकि वेस्टइंडीज का रास्ता टेढ़ा-मेढ़ा रहा. वह बांग्लादेश, आयरलैंड और नीदरलैंड के खिलाफ़ आसानी से जीत गया लेकिन भारत, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के खिलाफ़ अहम् मौकों पर उसका प्रदर्शन निराशाजनक रहा.
क्वार्टर फाइनल में मीरपुर के शेर ए बांग्ला स्टेडियम में आज यह दो दिग्गज आमने सामने होंगे. अभी तक के प्रदर्शन को देख सबका कहना है कि पाकिस्तान आसानी से जीत जाएगा लेकिन अगर गेल का बल्ला और रोच की रफ़्तार का जादू चला तो शायद शाहिद अफरीदी की फ़िरकी के पास भी इसकी तोड़ ना निकले.
भारत के खिलाफ़ एक समय ऐसा लग रहा था कि वेस्टइंडीज जीत जाएगा लेकिन जैसे ही स्मिथ ऑउट हुए वेस्टइंडीज के विकेट पत्तों कि तरह झड़ने लगे. वहीं न्यूज़ीलैण्ड के खिलाफ़ रॉस टेलर का बल्ला जब चला तो दुनिया के सबसे तेज़ गेंदबाज़ शोएब अख्तर तक को नानी याद आ गई.
संयम होगा महत्वपूर्ण
वर्ल्ड कप 2011 के पहले क्वार्टर फाइनल में सबसे महत्वपूर्ण कड़ा संयम होगा. भले पाकिस्तान की टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही हो लेकिन पिछले कुछ समय में देखा गया है कि पाकिस्तानी खिलाड़ी अहम् मौकों पर अपना संयम खो देते हैं, इसका मुख्य कारण टीम में अनुभव की कमी है. टीम में ज़्यादातर युवा खिलाड़ी हैं जो प्रतिभाशाली तो हैं लेकिन अनुभव की कमी के कारण वह नाज़ुक मौकों पर खराब शॉट खेल अपना विकेट खो देते हैं. यह बीमारी वेस्टइंडीज के खिलाडियों को भी लगी है. इसका नमूना इंग्लैंड और भारत के खिलाफ़ मैचों में भी देखने को मिला.
आर-पार की लड़ाई
1. गेल बनाम उमर गुल – इस वर्ल्ड कप में अभी तक तेज़ गेंदबाजों में उमर गुल का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है. नई गेंद हो या पुरानी गेंद उन्हें मारना बहुत कठिन है इसके साथ-साथ उनकी गेंदों में किसी का विकेट लेने की क्षमता भी है. परन्तु गेल के खिलाफ़ यह राह इतनी आसान न होगी हालांकि गेल चोट से वापसी कर रहे हैं लेकिन गेल पलटवार करने में पूर्णतया सक्षम हैं.
2. पोलार्ड बनाम अफरीदी – एकदिवसीय क्रिकेट में यह दो ऐसे खिलाड़ी हैं जो अकेले दम पर मैच का रुख बदल सकते हैं. यही नहीं, दोनों अपनी टीम के उपयोगी गेंदबाज़ भी हैं. अफरीदी ने अभी तक सर्वाधिक 17 विकेट भी लिए हैं. वहीं पोलार्ड का स्ट्राइक रेट वर्ल्ड कप में सर्वाधिक है.
3. केमार रोच बनाम पाकिस्तानी मध्यम पंक्ति – वेस्टइंडीज के एकमात्र तेज़ गेंदबाज़ रोच इस बार के वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज की सबसे बड़ी खोज हैं. पिछले सीरीजों में उन्होंने तेज़ किंतु दिशाहीन गेंद फेंकी थीं परन्तु वर्ल्ड कप में उनकी गेंदबाज़ी में सुधार देखने को मिला है और ऐसे में पाकिस्तानी मध्यमपंक्ति के बल्लेबाजों और रोच के बीच लड़ाई आमने-सामने है.
इन दोनों टीमों के बीच पिछले पांच मैचों में पाकिस्तान ने चार मैच जीते हैं और वर्ल्ड कप में भी पाकिस्तान का प्रदर्शन वेस्टइंडीज से कई गुना अच्छा है. ऐसे में देखना है कि क्या वेस्टइंडीज पाकिस्तान को हरा पाती है.
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