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विश्व कप शुरू होने से पूर्व टीम इंडिया को हो गयी है एक चिंता. एक ऐसी चिंता जिसका विश्व कप से पहले निवारण अति आवश्यक हो जाता है. लेकिन, आखिर टीम इंडिया को क्या चिंता है?
विश्व कप में टीम इंडिया की पन्द्रह सदस्यीय टीम में सात बल्लेबाज़, तीन स्पिन गेंदबाज़, चार तेज़ गेंदबाज़ और एक आलराउंडर है जिसमें से केवल ग्यारह ही किसी मैच में खेल सकते हैं. अगर हम भारतीय पिचों का मिजाज देखें तो हमारी टीम में छः बल्लेबाज़, एक आलराउंडर, एक स्पिन गेंदबाज़ और तीन तेज़ गेंदबाज़ होने चाहिए. लेकिन वह ग्यारह कौन होंगे इस बात से टीम इंडिया काफ़ी चिंतित है.
अभी दक्षिण अफ्रीका में भारतीय टीम के तीन सबसे विश्वसनीय खिलाड़ी चोट के कारण नहीं खेले थे, जिस कारण यह समस्या हमारे सामने नहीं आई. लेकिन जब सचिन, सहवाग और गंभीर वापसी करेंगे तो यह समस्या हमारी टीम के सामने आ सकती है क्योंकि हम इनमें से किसी को भी बैठा नहीं सकते. ऐसी स्थिति में कौन बैठेगा बाहर?
विश्व कप की टीम में सचिन और सहवाग ओपनिंग करेंगे और गंभीर तीसरे नंबर पर बल्लेबाज़ी करेंगे. कप्तान धोनी मध्यम पंक्ति में बल्लेबाज़ी करेंगे जिनका स्थान समय अनुसार बदलता रहेगा. इसके अलावा युसूफ पठान का भी खेलना तय है जिनका बल्लेबाज़ी क्रम भी बदलता रहेगा इसके साथ-साथ भारतीय उपमहाद्वीप में उनकी गेंदबाज़ी भी बहुत काम आएगी. गेंदबाजों में हरभजन सिंह, ज़हीर खान और मुनाफ पटेल खेलेंगे. कुल मिलाकर आठ खिलाड़ियों का खेलना तय है. अब बचते हैं दो बल्लेबाज़ और एक गेंदबाज़.
विराट, युवी या रैना
बल्लेबाजों में विराट कोहली, युवराज सिंह और सुरेश रैना में कोई दो खेलेंगे. एकदिवसीय मैच में कहा जाता है कि आपकी टीम के शुरुआती चार बल्लेबाज़ आपके सबसे अच्छे बल्लेबाज़ होने चाहिए और उन्हें कोशिश करनी चाहिए कि वह सबसे ज़्यादा गेंदें खेलें. ऐसे में अगर हम देखें तो पिछले एक वर्ष में भारत के सबसे अच्छे बल्लेबाज़ विराट कोहली हैं. दक्षिण अफ्रीका में भी उन्होंने सभी बल्लेबाजों में श्रेष्ठ प्रदर्शन किया. अतः अगर हम फॉर्म में जाएं तो विराट का खेलना तय है लेकिन दूसरी तरफ़ युवराज और रैना भी उनके साथ-साथ खड़े हैं. भले ही बल्लेबाज़ी में युवी का फॉर्म गिरा है लेकिन एक गेंदबाज़ के तौर पर उन्होंने बहुत अच्छी गेंदबाज़ी की है. विकेट लेने के साथ-साथ उन्होंने रन भी रोके हैं यही नहीं अगर युवी का बल्ला चल गया तो विश्व क्रिकेट में वह ऐसे खिलाड़ी हैं जो अकेले दम पर मैच का रुख बदल सकते हैं. अगर बात रैना की करते हैं तो पिछले वर्ष रैना ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है. वह विराट से ज़्यादा अनुभवी हैं और मौका पड़ने पर गेंदबाज़ी भी कर सकते हैं. लेकिन दक्षिण अफ्रीका में उनका फॉर्म गिरा है. उन्होंने अफ्रीका में अच्छी शुरुआत तो की लेकिन उस शुरुआत को एक बड़े स्कोर में नहीं बदल सके. स्थिति बहुत रोचक है जिसने पूरे टीम मैनेजमेंट को असमंजस में डाल रखा है. ऐसे में देखना होगा कि कौन होता है अंदर और कौन होता है बाहर.
कुमार, नेहरा या कोई और……….
अब अगर हम गेंदबाज़ी की बात करते हैं तो तीन गेंदबाज़ भज्जी, ज़हीर और मुनाफ का खेलना तय है, लेकिन चौथा गेंदबाज़ कौन होगा? इस प्रश्न का उत्तर देना भी कठिन है. दक्षिण अफ्रीका में टीम के चौथे गेंदबाज़ नेहरा थे. नेहरा ने विकेट तो लिए लेकिन उससे ज़्यादा रन दिए उनकी जगह पर आए पियूष चावला कुछ खास नहीं कर पाए और अश्विन के पास तजुर्बा कम है बाकी बचे प्रवीण कुमार. दक्षिण अफ्रीका में प्रवीण कुमार एक भी मैच चोट के कारण नहीं खेल सके. लेकिन उससे पहले के मैचों में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है. जब ज़हीर खान चोटिल थे तो प्रवीण ने टीम की गेंदबाज़ी की कमान बहुत अच्छी तरह संभाली थी. ऐसी में अगर वह वापसी करते हैं तो संभावना है कि वह नेहरा की जगह खेलें.
विश्व कप से पहले टीम इंडिया को बहुत सारे उलझे सवालों के जवाब ढूंढने हैं. ऐसे में अगर सभी सवालों के जवाब जल्दी मिल जाएं तो अच्छा होगा.
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