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प्रथम सेमीफाइनल : श्रीलंका-न्यूज़ीलैण्ड की लड़ाई

वर्ल्ड कप क्रिकेट 2011
वर्ल्ड कप क्रिकेट 2011
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वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले किसने सोचा था कि बांग्लादेश, भारत और पाकिस्तान के हाथों तीन लगातार सीरीजों में पटखनी खाई ब्लैककैप्स की टीम न्यूज़ीलैण्ड सेमीफाइनल तक पहुंचेगी, लेकिन जैसे मधुमक्खी के छत्ते में हाथ डालना मुश्किल होता है वैसे ही क्रिकेट में आंकलन करना कठिन है क्योंकि क्रिकेट है उलटफेर का खेल. जिस तरह से न्यूज़ीलैण्ड ने दक्षिण अफ्रीका को हराया उस हिसाब से श्रीलंका के लिए फाइनल का सफ़र आसान न होगा. वैसे एक बार फिर विशेषज्ञों का मानना है कि न्यूज़ीलैण्ड हार जाएगी और श्रीलंका फाइनल में प्रवेश करेगी.

sri-lanka-vs-new-zealand129 तारीख को श्रीलंका के प्रेमदासा स्टेडियम में खेले जाने वाले वर्ल्ड कप के प्रथम सेमीफाइनल के रोचक होने की संभावना है. एक तरफ़ जहां श्रीलंका को घरेलू परिस्थितियों का फायदा मिलेगा वहीं दूसरी तरफ़ वर्ल्ड कप की सबसे प्रबल दावेदार टीम दक्षिण अफ्रीका को हराने के बाद न्यूज़ीलैण्ड टीम का आत्मविश्वास सातवें आसमान पर है.

अभी पलड़ा श्रीलंका का भारी है लेकिन न्यूज़ीलैण्ड के यह पांच निम्नलिखित स्तंभ पलड़ा अपनी ओर झुका सकते हैं:

1. रॉस टेलर: जिस तरह लीग मैच में रॉस टेलर ने पाकिस्तानी गेंदबाजों की घुनाई की थी उस तरह अगर रॉस टेलर का बल्ला चल गया तो श्रीलंकाई गेंदबाजों का हाल बुरा होने वाला है. पिछले कुछ समय से खराब फॉर्म में चल रहे न्यूज़ीलैण्ड के मध्यम क्रम के यह बल्लेबाज़ एक दम सही समय फॉर्म में वापस लौटे हैं.

2. डेनियल विटोरी: न्यूज़ीलैण्ड टीम के कप्तान मौजूदा समय में विश्व के सबसे अच्छे गेंदबाजों में से एक हैं. विटोरी ऐसे गेंदबाज़ हैं जिनकी गेंदबाज़ी पर रन बटोरना बहुत कठिन है, यही नहीं, वह विकेट लेने में भी माहिर हैं.

3. नाथन बंधु: ब्रेंडन और नाथन मैकुलम, एक ओपनिंग बल्लेबाज़ तो दूसरा आलराउंडर न्यूज़ीलैण्ड टीम की रीढ़ की हड्डी हैं. जहां ब्रेंडन बेहतरीन बल्लेबाज़ हैं वहीं वह इस वर्ल्ड कप के सबसे अच्छे विकेटकीपर भी हैं. विपक्षी टीम उन्हें न्यूज़ीलैण्ड टीम की ओर से सबसे बड़ा खतरा मानते हैं. छोटे भाई नाथन एक उपयोगी खिलाड़ी हैं जो स्पिन गेंदबाज़ी करते हैं, निचले क्रम में आकार बल्ले से उपयोगी पारी खेलते हैं और फिल्डिंग में वह शानदार हैं. जिस तरह इन्होंने इस वर्ल्ड कप में गेंदबाज़ी की है वह काबिलेतारीफ़ है.

4. जैकब ओरम: दक्षिण अफ्रीका को इस वर्ल्ड कप से बाहर करने में सबसे बड़ा हाथ इस खिलाड़ी का ही है. पिछले कुछ समय से यह चोट के कारण बाहर थे और इसे दौरान न्यूज़ीलैण्ड टीम के सबसे बुरे दिन चल रहे थे. परन्तु जैसे ही इनकी वापसी हुई, न्यूज़ीलैण्ड टीम जीतने लगी.

5. मार्टिन गुपटिल: एक प्रतिभाशाली बल्लेबाज़ जो समय के साथ परिपक्व हो रहे हैं. वर्ल्ड कप में गुपटिल का प्रदर्शन अच्छा रहा है. टीम को ठोस शुरुआत देने का पूरा दारोमदार इनके जिम्मे रहेगा.

तिलकरत्ने दिलशान, उपल थरंगा, कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने यह चारों श्रीलंकाई टीम की बल्लेबाज़ी की रीढ़ की हड्डी हैं परन्तु अगर न्यूज़ीलैण्ड इन चारों को जल्दी ऑउट कर लेता है तो मध्यमक्रम के बल्लेबाजों चमारा, समरवीरा और मैथ्यु तीनों ने बल्ले से इस वर्ल्ड कप में ज़्यादा खास नहीं किया है तो ऐसे में श्रीलंकाई टीम दबाव में आ सकती है. इसके अलावा श्रीलंकाई टीम को जहां घर में खेलने का फायदा मिलेगा वहीं यह उनकी टीम में अतिरिक्त दवाब भी डाल सकता है.

न्यूज़ीलैण्ड ने अभी तक हुए सभी वर्ल्ड कप में भाग लिया है, हालांकि वह पांच बार सेमीफाइनल तक तो पहुंचे हैं लेकिन हर उनका सफ़र सेमीफाइनल में आकर रुक गया. इस बार के सेमीफाइनल में श्रीलंका से पार पाना भी न्यूज़ीलैण्ड के लिए बहुत कठिन होगा और अगर वह जीतते हैं तो वाकई यह बड़ा उलटफेर होगा.

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