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भले भारत के पहले वार्म अप गेम में 70 ओवरों तक ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी था लेकिन आखिरी बाज़ी भारत के नाम रही. ऑस्ट्रेलिया ने 215 रन का पीछा करते हुए एक विकेट पर 116 रन बना लिए थे उस समय बैंगलोर का ऍम चिन्नास्वामी स्टेडियम खाली होने लगा, तभी कप्तान धोनी ने गेंदबाजी में पीयूष चावला को बुलाया जिसने मैच का रुख ही बदल दिया. पीयूष चावला की गेंद में टर्न था, बाउंस था और उन्हें देख ऐसा लग रहा था कि शेन वार्न गेंदबाज़ी कर रहे हों. पीयूष चावला ने बहुत अच्छी गेंदबाज़ी की हालांकि पिच में स्पिन गेंदबाजों को मदद थी लेकिन उन्हीं गेंदबाजों के लिए जो गेंद सही जगह डाल रहे थे. ऐसे भी पीयूष ने सही स्थानों पर गेंदबाजी करते हुए चार विकेट झटके.
परन्तु पीयूष के इस शानदार प्रदर्शन से टीम इंडिया चिंतित है, कप्तान धोनी के सामने समस्या है कि अगर वर्ल्ड कप के दौरान स्पिनिंग पिच मिली तो उन्हें टीम में किस खिलाड़ी को खिलाना है. टीम में तीन गेंदबाज़ है जिसमें हरभजन सिंह का खेलना निश्चित है लेकिन अश्विन और पीयूष चावला में से कौन खेलेगा इसका चयन थोड़ा कठिन होगा. वैसे अश्विन ने भी अच्छी गेंदबाज़ी की थी, हालांकि उनको एक ही विकेट मिला था. “वार्म-अप” गेम से पहले वर्ल्ड कप टीम में अगर दूसरा गेंदबाज़ खेलता तो वह अश्विन होता लेकिन पीयूष के इस शानदार प्रदर्शन ने टीम की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. वैसे टीम के लिए यह मुश्किल फायदेमंद भी है.
लेकिन इसके विपरीत टीम इंडिया के सामने दूसरी मुश्किल भी है जिससे क्रिकेट वर्ल्ड कप में टीम को हानि हो सकती है. वर्ल्ड कप से पहले भारतीय क्रिकेट टीम को रैना, युवराज और कोहली में से किसी एक बल्लेबाज़ को चुनना था. अगर हम तीनों बल्लेबाजों का प्रदर्शन देखें तो कोहली का खेलना तय लग रहा है. परन्तु वहीं युवराज और रैना ने टीम मैनेजमेंट को नाराज़ कर रखा है. दोनों ही रन नहीं बना रहे है, हालांकि युवराज गेंदबाज़ी में चमत्कार कर रहे हैं लेकिन टीम में वह बल्लेबाज़ के तौर पर खेलते हैं अतः उनका पहला मकसद रन बनाना है. कल दोनों के पास मौका था रन बनाने का परन्तु दोनों का प्रदर्शन खराब रहा. ऐसी स्थिति में कौन होगा टीम में यह कहना मुश्किल है.
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