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क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 में पहली बार देखने को मिला ऐसा मैच. वर्ल्ड कप क्रिकेट इतिहास में चौथी बार हुआ यह कारनामा. 338 रन बनाने के बाद भी भारतीय गेंदबाज इस विशाल स्कोर को बचा नहीं पाए तो वहीं दूसरी ओर कप्तान एंड्रयू स्ट्रास के 158 रन भी इंग्लैण्ड को जीता नहीं सके. मैच में ना ही किसी की जीत हुई और ना ही किसी की हार हुई. भारत का चिन्नास्वामी स्टेडियम रविवार को इतिहास का गवाह बना. एक बेहद उतार-चढ़ाव भरे इस मैच में आखिरकार जीत हुई क्रिकेट की. क्रिकेट को यूं ही अनिश्चिताओं का खेल नहीं कहा जाता और यह सुपर संडे के मुकाबले में एक बार फिर सिद्ध हो गया.
आखिरी ओवर 14 रन, मुनाफ के हाथ में गेंद, बल्लेबाज शहजाद का छक्का मारना, और आखिरी गेंद पर 2 रन की जरुरत. लेकिन आखिरी गेंद में मुनाफ की समझदारी ने मैच को बचा ही लिया पर जीत कोसों दूर ही रही. लेकिन यह हुआ कैसे. आइए जानते हैं कैसे हुआ क्रिकेट वर्ल्ड कप का चौथा टाई.
भारत और इंग्लैण्ड के बीच ग्रुप बी का यह मैच वाकई शुरु से ही बहुत अनिश्चितताओं से भरा रहा. क्रिकेट वर्ल्ड कप के इस अहम रोमांचक मैच में टॉस जीता भारत ने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने. जीत कर धोनी ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. पहले ही गेंद पर सहवाग ने शॉट खेला और गेंद स्लिप में गई पर कोई उसे लपक ना सका. और यही कारनामा ओवर में दो बार घटा जब भारतीय दर्शकों की आवाजें गले में फंस गईं. लेकिन इसी बीच सचिन ने क्रिकेट वर्ल्ड कप का पांचवां शतक जड़ दिया. सचिन ने इंग्लिश बॉलिंग अटैक की धज्जियां उड़ाते हुए 115 गेंद पर 120 रन की शानदार पारी खेली. लेकिन शुरुआती बल्लेबाजों के आधार पर पीछे के बल्लेबाजों ने अच्छी मीनार खड़ी नहीं की. भारत ने 50 ओवर में बनाए 338 रन.
इंग्लैण्ड ने भी भारत के इस पहाड़ जैसे रनों का जवाब बेहतर ढ़ंग से दिया. कप्तान एंड्यू स्ट्रास ने बेहतरीन 158 रन की पारी खेल एक समय भारत के हाथों से जीत छीन ही ली थी. पर दूसरे पॉवर प्ले में भारतीय गेंदबाजी के कप्तान यानि जहीर खान ने एक ही ओवर में दो विकेट लेकर मैच को एक बार फिर रोमांचक मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया. लेकिन, इंग्लिश खिलाड़ियों ने हार नहीं मानी. इंग्लैंड को अंतिम 2 ओवरों में जीत के लिए 29 रनों की जरूरत थी. 49वें ओवर में बॉलिंग की कमान पीयूष चावला को सौंपी गई. इस ओवर में इंग्लैंड के स्वान और ब्रेसनैन ने एक-एक छक्के लगाए और कुल 15 रन बनाए. इंग्लैंड की उम्मीदें फिर जग गईं. अंतिम ओवर में बॉलिंग करने मुनाफ आए. एक ओवर में 14 रन बनाने थे. इस ओवर में इंग्लैंड ने 13 बनाकर मैच टाई करवा लिया.
हालांकि इस अंजाम की किसी ने भी परिकल्पना नहीं की होगी पर जो हुआ उसने सभी को बेहद अचंभित कर दिया. मैच में कई ऐसे वाकए हुए जिन्होंने खेल को टाई करवा दिया.
वर्ल्ड कप में भारतीय पारी की 48.5वीं गेंद पर जहीर खान ने एक शॉट मारा. जहीर और मुनाफ ने दौड़ लगा दी. दो रन लेने के चक्कर में जहीर तो रन आउट हो गए पर दूसरे छोर पर मुनाफ ने बच्चों वाली गलती कर दी. मुनाफ ने एक रन शॉट कर दिया था. भारतीय पारी में रन कम और यही एक रन बना जीत और हार के बीच का अंतर.
क्रिकेट वर्ल्ड कप के इस मैच का दूसरा टर्निग प्वॉंइट था 25वें ओवर में युवराज सिंह की गेंद पर इयान बेल को पगबाधा ना देना. इसके बाद युवराज ने कप्तान धोनी को इस फैसले पर डीआरएस का इस्तेमाल करने को कहा. टीवी रिप्ले में हॉक आई के जरिए साफ दिख रहा था कि गेंद मिडिल स्टंप से टकरा रही है. लेकिन बिली बाउडन ने इसके बाद भी अपने फैसले पर बने रहे और बेल को नॉट आउट करार दिया. वजह नियमों के हिसाब से गेंद बल्लेबाजी पैड से टकराती और उस वक्त वह स्टंप से 2.5 मीटर से ज्यादा की दूरी पर हैं तो उन्हें नॉट आउट करार देना चाहिए.
मैच के इस फैसले ने जहां एक तरफ डीआरएस नियम पर सवाल उठाए वहीं दूसरी ओर इस मैच ने भारतीय लचर गेंदबाजी की पोल खोल कर रख दी. अगर कोई टीम 338 रन बनाकर भी जीत नहीं पाती तो उसकी गेंदबाजी पर सवालिया निशान उठना लाजिमी है.
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