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19 फ़रवरी को शुरू हुई लड़ाई अब अपने आखिरी दौर में आ चुकी है. इस दौरान बहुत से उलटफेर हुए. दक्षिण अफ्रीका ने फिर साबित कर दिया कि क्रिकेट वर्ल्ड कप में उनसे बड़ा जोकर और कोई नहीं. टीम इंडिया ने तीन बार के महायोद्धा ऑस्ट्रेलिया का किला आखिरकार ध्वस्त कर दिया और पूरी दुनियां ने देखी क्रिकेट मैदान की सबसे बड़ी लड़ाई.
42 दिन की लड़ाई के बाद यह तो तय हो गया कि इस बार का वर्ल्ड कप एशिया में रहने वाला है, और इस बार भी कोई नया चैम्पियन नहीं बनने वाला है.
2 अप्रैल को मुम्बई के वानखेड़े स्टेडियम में होने वाले वर्ल्ड कप के फाइनल में एशियाई उपमहाद्वीप के दो चीते भारत और श्रीलंका आमने-सामने होंगे. पिछले डेढ़ वर्षों में इन दोनों टीमों ने एक-दूसरे के खिलाफ़ जितने मैच खेले होंगे शायद ही कभी और ऐसा हुआ हो. इस दौरान टीम इंडिया ने श्रीलंकाई चीतों को हरा 15 वर्ष बाद एशिया कप भी जीता, लेकिन इस बार की लड़ाई सबसे बड़ी होने वाली है.
क्रिकेट के दो दबंग जब आमने-सामने होंगे तो आंकलन करना मुश्किल है कि विजेता कौन रहेगा, पलड़ा दोनों का भारी है. अगर श्रीलंका की टीम ज़्यादा संतुलित है तो भारतीय टीम यह मैच अपने घर में खेल रही होगी ऐसी स्थिति में किसी जगह एक का पलड़ा भारी है तो कहीं और दूसरी टीम का.
टीमों की तुलना
सलामी बल्लेबाज़ी: अगर श्रीलंका के पास दिलशान और थरंगा है तो भारत के पास सचिन और सहवाग. भले हम सचिन की तुलना किसी से नहीं कर सकते लेकिन मौजूदा समय में चारों बल्लेबाज़ फॉर्म में हैं. जहां तिलकरत्ने दिलशान ने इस बार के वर्ल्ड कप में सबसे ज़्यादा रन बनाए हैं वहीं सचिन तेंदुलकर उनसे केवल तीन रन पीछे हैं. ऐसे में सलामी बल्लेबाजों की कड़ी में पलड़ा बराबर है.
मध्यम क्रम बल्लेबाज़ी: यहां पलड़ा भारत का भारी है, हालांकि श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा बेहतरीन फॉर्म में हैं लेकिन उनको छोड़ कोई भी ऐसा बल्लेबाज़ नहीं है जिसने अच्छा प्रदर्शन किया हो. यहां तक कि पहला मैच छोड़ महेला जयवर्द्धने का बल्ला भी शांत रहा है. वहीं भारत की तरफ़ से गौतम गंभीर, युवराज सिंह, विराट कोहली और सुरेश रैना का प्रदर्शन अच्छा रहा है. भारत के लिए चिंता की बात केवल कप्तान धोनी का फॉर्म है, जो इस समय बेरंग दिख रहे हैं.
आलराउंडर: वर्ल्ड कप फाइनल मैच से पहले श्रीलंकाई टीम को एक बहुत बड़ा झटका लगा है, उनके आलराउंडर एंजेलो मैथ्यूज चोट के कारण शायद फाइनल मैच न खेल पाएं. अगर फाइनल में मैथ्यूज नहीं खेलते हैं तो इससे श्रीलंका टीम का संतुलन बिगड़ सकता है. जहां एक तरफ़ वह टीम में तेज़ गेंदबाज़ी की कमान संभालते हैं वहीं अपने बल्ले के दम पर वह मध्यम क्रम को मजबूती भी प्रदान करते हैं. भारत के पास इस समय वर्ल्ड का सबसे अच्छा आलराउंडर है “युवराज सिंह” जिन्होंने 300 से ज़्यादा रन बनाए, 12 विकेट लिए और चार बार लगातार मैन ऑफ द मैच रहे हैं. वह टीम इंडिया के तुरुप के पत्ते हैं.
गेंदबाज़ी: अगर मुरलीधरन नहीं खेलते हैं तो? विश्व के सबसे बेहतरीन स्पिनर मुथैया मुरलीधरन हैं. अगर बल्लेबाज़ी में सचिन तेंदुलकर हैं तो गेंदबाज़ी में मुरली सबसे आगे हैं. परन्तु क्या वह अपना आखिरी मैच खेल पाएंगे? यह राज़ है अगर ऐसा होता है तो भारतीय बल्लेबाज़ थोड़ा चैन ले सकते हैं. परन्तु मुरली के अलावा भी भारतीय टीम को मेंडिस का सामना करना पड़ेगा – “एक ऐसा गेंदबाज़ जो टीम इंडिया के लिए हमेशा ही रहस्य से कम नहीं रहा है” और उसके अलावा हमें झेलना है मलिंगा को. गेंदबाज़ी में श्रीलंका हमसे 20 है इसका मुख्य कारण भज्जी का विकेट न ले पाना है.
क्षेत्ररक्षण में विराट, रैना और युवराज अगर बेहतरीन फिल्डर हैं तो वहीं ज़हीर, मुनाफ, सहवाग, भज्जी काफ़ी सुस्त. मूलतः हमारा क्षेत्ररक्षण औसत से नीचे है वहीं श्रीलंका की फील्डिंग हमसे काफ़ी अच्छी है. सभी का मानना है कि वह एशियाई देशों में सबसे अच्छी टीम है, परन्तु फिल्डिंग में जैसा प्रदर्शन हमने ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के खिलाफ़ किया अगर हम वैसा प्रदर्शन करते हैं तो हम श्रीलंका की बराबरी कर सकते हैं.
इस जंग की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी मनोबल है. पाकिस्तान के खिलाफ़ जीत के बाद टीम इंडिया का मनोबल सातवें आसमान पर होगा. हो भी क्यों ना, वह मैच सेमीफाइनल होते हुए भी फाइनल से बड़ा था.
अब हार से क्या डरना, अब तो केवल जीतना है, लेकिन टीम ऐसे नहीं जीतती टीम को जीतना पड़ता है.
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