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क्या अपने खराब प्रदर्शन से उबर सकेंगे युवराज

वर्ल्ड कप क्रिकेट 2011
वर्ल्ड कप क्रिकेट 2011
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yuvraj-singhउन्होंने एक इतिहास बनाई, जब इंग्लैंड के खिलाफ लगातार छह छक्के लगाएं। इससे पूर्व यह उपलब्धि किसी भी रुप के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में केवल तीन बार ही किसी खिलाड़ी को मिला था। गेंदबाजों के लिए दुःस्वप्न, युवराज सिंह उन कुछ क्रिकेटरों में से हैं, जो किसी भी गेंदबाज को और उसके आक्रमण की धज्जियां उड़ा सकता है। वर्ष २००० में अपने क्रिकेट में अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले बाएं हाथ के इस बल्लेबाज को, यह खेल पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज तथा उनके पिता योगराज सिंह से विरासत मिला। वे कहते हैं कि जब युवराज के साथ सबकुछ ठीक है तो वह गेंद को काफी सफाई से व असामान्य रुप से व लंबाई में प्रहार करता है, लेकिन यदि सब ठीक नहीं है तो काफी अजीब लगता है तथा आप भूल जाते हैं कि वह गेंद को कितनी खुबसूरती से प्रहार करता है।

खैर, उसके वर्तमान प्रदर्शन को देखते हुए, ऐसा लगता है सब ठीक नहीं है। क्या इस विश्वकप के दौरान वह अपने खराब फार्म को अच्छे फार्म में बदल सकेगा या उसने सभी उम्मीदें खो दिया है? गणेशजी वैदिक ज्योतिष की मदद से इस बात का पता करने की कोशिश कर रहे हैं।

गणेश का मानना है कि मंगल और बृहस्पति का पारगमन टूर्नामेंट के पहले दौर के मैचों के दौरान,युवराज को अच्छे प्रदर्शन में मदद करेगा। बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच के दौरान युवराज का प्रदर्शन उत्कृष्ट होगा। आयरलैंड के खिलाफ वे कुछ उपयोगी रन जोड़ेंगे, लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ उनको कठिनाईयों का सामना कर सकता हैं। क्वार्टर फाइनल मैच के दौरान उनका प्रदर्शन उनकी अपनी क्षमता के अनुसार नहीं होगा। सेमीफाइनल मैच के दौरान उनका प्रदर्शन भारत के लिए काफी उपयोगी साबित होगा। यदि 2011 के विश्व कप के फाइनल तक पहुँचने में भारत सफल होता है, तो युवराज निश्चित रुप से अपना चहुंमुखी प्रदर्शन करेंगे।

गणेशजी के आशिर्वाद के साथ हम उनके लिए शुभकामना करते हैं।

साभार: गणेशा स्पीक्स डॉट कॉम

Ganesha Speaks

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