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राष्ट्रमंडल खेलों के सफल आयोजन के बाद भारत ने 14 अक्टूबर को समापन समारोह में राष्ट्रमंडल ध्वज ग्लासगो के प्रतिनिधियों को सौंप दिया जहां 2014 में अगले खेलों का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही राष्ट्रमंडल खेल 2014 की उलटी गिनती भी शुरू हो गई।
स्काटलैंड के ग्लासगो शहर को ध्वज सौंपने के कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत से पहले राष्ट्रमंडल खेल महासंघ का ध्वज उतारा गया। इस ध्वज को दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी को सौंपा गया जिन्होंने इसे दिल्ली के उप राज्यपाल तेजिंदर खन्ना के सुपुर्द किया। उप राज्यपाल ने यह ध्वज लार्ड प्रोवोस्ट आफ स्काटलैंड राबर्ट विंटर के हवाले किया जिन्होंने इसे लार्ड स्मिथ आफ केलविन को सौंप दिया। स्काटलैंड के कलाकारों ने इसके बाद अपने देश के जज्बे, संस्कृति और परंपरा की बानगी पेश कर समां बांध दिया।
कार्यक्रम के इस हिस्से की शुरुआत में जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम की विशाल स्क्रीन पर स्काटलैंड के शहरों, लोगों, वास्तुशिल्प और संस्कृति की झलक पेश की गई। इस वीडियो की समाप्ति के बाद आधुनिक किल्ट [स्काटलैंड की विशेष स्कर्ट] पहने एक बैगपाइपर ने अपना पाइपर बजाना शुरू किया और वह वीवीआईपी बाक्स के समीप पहुंचा जिस दौरान संगीत काफी तेज हो गया। इसके बाद पूरे स्काटलैंड को इंगित करने वाले 352 कलाकारों ने अपनी कला का नजारा दुनिया के सामने पेश किया। इन कलाकारों ने इसके बाद कपड़े से लैब्रिथ, मेज, मैड फार प्लेड और स्काटलैंड के झंडे की आकृति उकेरी।
दस मिनट के इस कार्यक्रम के दौरान स्काटलैंड की शान ‘क्लाइड आर्क ब्रिज’ और यहां के लोकप्रिय जीव आर्मेडेलो की झलक भी पेश की गई। आर्मेडेलो की आकृति ने बाद में ‘लोस नेस मानस्टर’ का रूप भी लिया जिसे नेसी के रूप में भी जाना जाता है। नेसी यानी 352 कलाकर इसके बाद ग्लास्गो में आने का निमंत्रण देकर स्टेडियम से चले गए।
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