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कॉमनवेल्थ गेम्स का आठवें दिन भारत ने कहीं इतिहास रचा तो कहीं निराशा हाथ लगी. लेकिन इन सब के बीच भारतीय खिलाड़ियों का स्वर्णिम सफ़र ज़ारी रहा.
2002 के मैंचेस्टर के कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन किया था जब उन्होंने 30 स्वर्ण पदक जीते थे. लेकिन दिल्ली के कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के खिलाड़ियों ने मैंचेस्टर के कॉमनवेल्थ गेम्स को इतिहास बना दिया है. अब तक भारत 31 स्वर्ण पदक जीत दूसरे नंबर पर है.
रेफरी से हारे विजेंद्र
कभी आपने ऐसा देखा है कि किसी मुक्केबाज ने बिना कोई अंक लिए अपना मैच जीत लिया हो. जी हाँ ऐसा हुआ वह भी विश्व के चोटी के मुक्केबाज़ और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता विजेंदर सिंह के साथ जब वह इंग्लैंड के मुक्केबाज़ के हाथों हार गए.
कॉमनवेल्थ गेम्स शुरू होने से पहले ही विजेंद्र सिंह को 75 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने का प्रबल दावेदार माना जा रहा था. और सेमीफाइनल मुकाबले में यह देखने को भी मिला जब उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी बॉक्सर के खिलाफ़ 3-0 की बढ़त बना ली. लेकिन तीसरे और अंतिम राउंड में रेफ़री ने दो बार वॉर्निंग देकर इंग्लैंड के बॉक्सर को 4 अंक दे दिए जिसके कारण विजेंद्र को यह मुकाबला 4-3 से हारना पड़ा. गौरतलब है कि मुक्केबाज़ी में आखरी राउंड में रेफ़री वॉर्निंग नहीं देते हैं और वह भी आखिरी 30 सेकेंड में फाउल देना नियमों के खिलाफ है.
52 साल का इंतज़ार खत्म
भारत की शीर्ष डिस्कस थ्रोअर कृष्णा पूनिया ने आखिरकार 52 साल का सूखा खत्म कर एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया. यह सफ़र यहीं नहीं खत्म हुआ डिस्कस थ्रो की इस स्पर्धा में रजत और कांस्य भी भारत की ही झोली में आया. पूनिया ने 61.51 मीटर की दूरी तक डिस्कस थ्रो फेंका जबकि रजत पदक विजेता हरवंत कौर ने 60.18 मी. और कांस्य पदक विजेता सीमा अंतिल ने 58.46 मी. चक्का फेंका.
साइना की उड़ान ज़ारी
विश्व की नंबर 2 और देश की शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल एंड कंपनी का बैडमिंटन स्पर्धा में विजयी अभियान जारी है. साइना के नेतृत्व में अधिकतर खिलाड़ियों ने एकल और युगल मुकाबले जीतकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया. साइना ने महिला एकल के एक मुकाबले में उत्तरी आयरलैंड की कैरोलिन ब्लैक को 21-0, 21-2 से हराकर जीत का सिलसिला शुरू किया
क्या भारत हॉकी के फाइनल में पहुंचेगा
पिछले मैच में भारत ने पाकिस्तान को 7-4 से रौंद दिया लेकिन हॉकी में अब लड़ाई आर-पार की हो गई है. पुरुष हॉकी के सेमीफाइनल मैच में आज भारत की भिडंत इंग्लैंड से होगी. ऐसे में देखना होगा कि क्या भारत अपना विजयी अभियान ज़ारी रखेगा और क्या भारतीय हॉकी यूरोपीय हॉकी को मात दे पाएगा.
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