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निवेश का सबसे सुरक्षित विकल्प डाकघर और राष्ट्रीयकृत बैंक है ,जहाँ निजी कम्पनियों से ब्याज दर कम हो सकती है पर निवेश एकदम सुरक्षित ! यधपि अभी हाल ही में सरकार द्वारा छोटी बचत योजनाओ में ब्याज की दरो में वृधि की है !एक अप्रैल 2012 से लागू ये नयी ब्याज दरें वर्ष 2012-13 के लिए वैध होंगी ! कुछ वर्ष पूर्व एक कथन नफा नुकसान समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ था की लघु बचत योजनाओ में ब्याज दरे बदने की जरुरत कहा है जब की जनता के पास निवेश के कई विकल्प यथा शेयर ,जीवनबीमा ,म्यूचल फंड मौजूद है ,लेकिन ये विकल्प बड़े निवेशको के लिए है जिनके अन्दर घाटा उठाने का माद्दा है ,छोटा निवेशक अपने जीवन भर की पूजी इस उतर चदाव वाले विकल्प में नहीं जमा करा सकता न ही उसके अन्दर इतना माद्दा है वो जीवन भर की पूँजी को गँवा दे !
ग्रामीण बचत का बड़ा हिस्सा पहले भी और अब भी डाकघरों के जरिए नियंत्रित होता है। इसकी पहुंच उन स्थानों और लोगों तक है जहां व्यावसायिक बैंक नहीं पहुंच पाते हैं!।बैंकों के विस्तार के बावजूद ग्रामीण इलाकों में डाकघर की बचत योजनाएं ज्यादा लोकिप्रय हैं। गाँवो के छोटे छोटे इलाके में भी शाखा डाकघर मौजूद है जहा लोगो को खाते खोलने और राशी जमा करने की सुविधा उपलब्ध है !
लघु बचत योजनाओ का क्रियान्वयन छोटे निवेशको के मध्येनज़र ही किया गया था !लोगो को बचत की और आकर्षित करने के लिए अभिकर्ता भी नियक्त किये जाते है ,जो घर घर जाकर निवेशक से पैसा एकत्रित कर डाकघर में जमा करते है !आजकल राज्यसरकार द्वारा नियुक्ति से पहले इन अभिकर्ताओ की पुलिस जाँच भी कराई जाती है !
2005 से पूर्व राज्य सरकारों द्वारा निवेश पर जिला स्तर पर कई पुरस्कार योजनाये भी संचालित की जाती थी !लेकिन वर्तमान में ये सब योजनाये बंद हो चुकी है !इसके बावजूद आज भी डाकघर में निवेश किया जा रहा है क्यूंकि यहाँ ब्याज दर भले ही कम हो पर पैसा डूबने का खतरा नहीं है साथ कुछ योजनाओ में जैसे पीपीएफ, राष्ट्रीय बचत पत्र 5 वर्षीय सावधि जमा (बैंक )में निवेशित राशी पर आयकर की भी छूट उपलब्ध है !
राशि )को प्रतिमाह बैंक की एक वर्षीय आवर्ती जमा में जमा कराई जा सकती है जिसे एक वर्ष बाद निकाल कर उपयोग में लिए जा सकता है ! डाकघर की पांच वर्षीय आवर्ती खाते में भी राशि जमा कराई जा सकती है !प्रतिमाह एक निश्चित छोटी रकम पांच वर्ष बाद बड़ी रकम के रूप में हाथ में आएगी !
मासिक आय योजना में जमा एक मुश्त राशि पर प्रतिमाह प्राप्त होने वाले ब्याज की अगर तत्काल जरुरत न हो तो उस राशि का निवेश भी डाकघर की पांच वर्षीय आवर्ती खाते में सीधे ही जमा किया जा सकता है ,जिससे ब्याज पर व्याज कमाया जा सकता है और जरुरत पर उस एकत्रित उस राशि का उपयोग किया जा सकता है !
मेरी सलाह है कि जिन की आयु कम हो और ज्यादा जिम्मेदारी न हो उन्हें प्रतिवर्ष डाकघर में एक निश्चित राशि का पांच वर्षीय आवर्ती खाता खोल लेना चाहिए ( पांच वर्ष तक-कुल पांच खाते) पहले खाते के पाच वर्ष बाद प्रति वर्ष एक खाता परिपक्व होगा,जमा राशि का आहरण कर उसके स्थान पर फिर से एक खाता खोला लेना चाहिए !इस तरह बचत की आदत के साथ जरुरत के लिए राशि जमा होती रहेगी !अगर बीच में जरुरत हो तो किसी भी खाते को तीन वर्ष बाद बंद भी किया जा सकता है !
याद रखे आपका पैसा आपकी मेहनत की कमाई है ,निजी बैंक या कम्पनी दिवालिया हो सकती है परन्तु डाकघर और राष्ट्रीयकृत बैंक में जमा पैसा देने के लिए सरकार निवेशक के साथ प्रतिबद्ध है !जहा आपका पैसा पूर्ण रूप से सुरक्षित है !
निवेश के समय हमेशा याद रखे निवेश किसी परिवार के सदस्य के साथ संयुक्त रूप से करे और साथ में किसी को मनोनीत अवश्य करे वरना किसी अवांछित हादसे के बाद अपना ही पैसा लेने के लिए आपके परिवार को मुश्किल आ सकती है !
आपकी बचत ,आपका सुखद भविष्य
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