सिर्फ एक शब्द
मेरे शब्द मुझे तोड़ देते है !
मेरे शब्द मुझे जोड़ देते है !!
मेरे जुबाँ से निकले शब्द ..
कभी गिला देते है ,कभी सिला देते है!
अपनों को पराया किया इन शब्दों ने !!
परायों को अपना भी किया इन शब्दों ने!
कभी अपना किया, कभी बेगाना किया !!
कभी मरदूद कहला जाते, कभी महबूब सुना जाते!
मेरे शब्द मुझे तोड़ देते है !
मेरे शब्द मुझे जोड़ देते है !!
मेरे जुबाँ से निकले शब्द ..
कभी गिला देते है ,कभी सिला देते है!
अपनों को पराया किया इन शब्दों ने !!
परायों को अपना भी किया इन शब्दों ने!
कभी अपना किया, कभी बेगाना किया !!
कभी मरदूद कहला जाते, कभी महबूब सुना जाते!
कभी इस दिल को शब्द लुभा जाते किसी के !!
कभी आँख नम कर जाते शब्द किसी के !
तीर से चुभते घायल कर जाते दिल को !!
शब्द ही जीवन का संगीत सुनाते !
शब्द ही हसीं खवाब सजाते!
आँखे कभी बन जाती इन शब्दों की जुबाँ!
कभी ख़ामोशी भी कर जाती इनको बयां !!
कभी आंसू बन उतरते आँखों में !
कभी होंठो पर मुस्कान बन उतरते शब्द!
आह भी निकले शब्दों में चाहत भी बरसे शब्दों में!!
शब्दों की खलिश जी को जलाती है !
शब्दों की कशिश जी को लुभाती है !!
हमराह अजनबी बन जाते शब्दों से !
अजनबी हमराह बना जाते ये शब्द!!
सागर की लहरों में हलचल मचा जाते !
कभी मची हुई हलचल को ठहरा देते ये शब्द!!
कहते है शब्दों की मार तलवार की मार से भी ज्यादा घाव करती है !सच है कभी कभी दो प्रेम भरे शब्द किसी को सुकून देते है तो कभी किसी को आहत भी कर जाते है !कहा जाता है कि अगर हम किसी के लिए सकारात्मक सोच रखते है और सकारात्मक ही बोलते है तो सामने वाले व्यक्ति की प्रतिक्रिया भी सकारात्मक ही होती है !बुजुर्गो ने कहा है जुबाँ पर सरस्वती का वास होता है !कभी कभी कही हुई कोई बात सत्य भी हो जाती है इसलिए कभी किसी के लिए अपशब्द का इस्तेमाल ,या बद्दुआ भरे शब्दों का प्रयोग न करे !अगर हम किसी का भला नहीं कर सकते तो कम से कम किसी के लिए शब्दों को माध्यम बनाकर किसी का बुरा भी न सोचे !कुछ लोग फिर भी अपनी वाणी पर नियंत्रण नहीं रख पाते पर कुछ लोग अत्यधिक आवेश में भी अपना नियंत्रण नहीं खोते और अपनी वाणी अपने शब्द सयंत रखते है !
शब्द वो जो ……..
दुश्मन को अपना बनाये!
अपने को दुश्मन न बनाये !
अगर शब्द न हो तो कैसा हो?
Read Comments