आओ होली खेले
जग की रीत में हम भी अपनी रीत बनाये
रंग और गुलाल से अपनी प्रीत बढाये !
तन पर रंग के छीटों की रंगकारी हो
हाथ में स्नेह अबीर से भरी पिचकारी हो …
बह जाये पानी के संग मन का मैल
रंग जाये खुशियों से ,रंगों से बोल
इक दूजे से गले मिले और मिलकर डोले
वस्त्र रंगे हमने ,गले मिले,हाथ में हाथ डाले
आओ आज प्यार से इक दूजे के दिल भी रंग डाले
आओ प्यार के रंग गुलाल से होली खेले!!
न तुम हिन्दू न मैं मुस्लिम हूँ
आज है बस इंसानियत के मेले !!
भाई आओ थामो हाथ , मिलजुल के खेले
गले लगकर सारे भेद आज भुलाकर देखे
रंगों से भीगे ये मोहब्बत के मेले !!
आवाज़ ढोल मंजीरे की गूँज रही है
हम भी अपनेपन के गीत बजाये !!
रंग गुलाल से दिल में अपने प्रीत बढाये
जग की रीत में हम भी अपनी रीत बनाये!!
रंग और गुलाल से अपनी प्रीत बढाये!!
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