दिल्ली की दिल्लगी
कभी दिल्ली को दिल वालो की कहने वालो का सर फक्र से ऊँचा होता था और वो खुद का दिल्लीवासी होने मे गर्व महसूस करता था पर आज हालत बिलकुल इसके विपरीत है ,दिल्ली वालो को खुद को दिल्ली वासी कहने में शर्म आने लगी है ….इन सबके पीछे क्या कारण है ? आज दिल्ली दिल्लगी हो गई है जैसे कोई शरीफ और इज्ज़तदार लड़की किसी रेड अलर्ट क्षेत्र में से गुजरने भर से खौफ खाती है !वही हाल आज दिल्ली की सडको का है !लड़की घर से बाहर निकलने में और अभिभावक बाहर भेजने से डरने लग गए है !कोई लड़की दिल्ली की सडको पर पिता भाई मित्र पति के साथ भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रही …तो क्या लड़की की शिक्षा और नौकरी आदि छुडवाकर घर में बिठा दिया जाये !
क्यों आखिर दिल्ली के पुरुष रेपिस्ट कहलाये जाने लगे है ?
कुछ समय पहले जब एक इज्ज़तदार लड़की की अस्मत पर गुंडों ने हाथ डाला तो उस लड़की ने सवाल किया क्या दिल्ली में कोठे बंद हो गए है जो आज सरेराह लडकियों की इज्ज़त पर हाथ डाला जा रहा है !
ससंद में आये दिन अपने वेतन भत्तो के लिए संसद कुत्तो की तरह लड़ते नज़र आ जायेंगे लेकिन देश की, शहर की व्यवस्था पर चर्चा हो तो सब चुप्प !आज जब इंडिया गेट पर दिल्ली गेंगरेप के विरोध पर प्रदर्शन और रैली निकली गई तो पत्रकार प्रदर्शन कारियों से बार बार एक ही सवाल करता नज़र आया कि आप क्या चाहते हो ? कितना बेमानी सवाल है !!
जब पूरी सत्ता दिल्ली में है ! दिल्ली में जहा एक महिला मुख्यमंत्री है ,देश की कमान की डोर एक महिला ने संभाल रखी है वही महिलाएं सुरक्षित नहीं है और फिर उनकी नाक के नीचे शहर का ये हाल …इससे ज्यादा शर्म की क्या बात होगी ? मुंबई जैसे महानगर में भी मध्य रात्रि लोकल ट्रेन तक में नौकरी से घर लौटी महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस नहीं करती है !
आज पूरे देश के हालत पर गौर किया जाये तो दिल्ली सबसे असुरक्षित जगह है ! हर तरह के जुर्म में आगे दिल्ली !सभी यही पूछ रहे है की आखिर दिल्ली पुलिस को हुआ क्या है !पुलिस बल मंत्रियो और नेताओ के जूते साफ़ करते नज़र आयेंगे !उनके घर की दीवारों की सुरक्षा में तैनात नज़र आयेंगे पर सड़क और शहर व्यवस्था का SWAL हो तो उसके लिए पुलिस सुरक्षा दल की कमी का बखान करते नज़र आयेंगे !दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर हो रही रोज़ की घटनाओं ने लाखों सवाल खड़े कर दिए है !आखिर आम आदमी अपनी परेशानियों की गुहार किससे लगाये ?हर घटना के बाद आम जनता के आक्रोश शांत करने की जल्दबाजी में गृह मंत्रालय को सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दे दिए जाते है ….समय के साथ न वो कदम उठते है न बढते है .और कुछ समय बाद एक और घटना अपने अंजाम को पहुँचती है !
दिल्ली की रोज़ की घटनाओ ने देश को मजाक बना कर रख दिया है
जब पूरी सत्ता दिल्ली में है ! दिल्ली में जहा एक महिला मुख्यमंत्री है ,देश की कमान की डोर एक महिला ने संभाल रखी है वही महिलाएं सुरक्षित नहीं है और फिर उनकी नाक के नीचे शहर का ये हाल …इससे ज्यादा शर्म की क्या बात होगी ? मुंबई जैसे महानगर में भी मध्य रात्रि लोकल ट्रेन तक में नौकरी से घर लौटी महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस नहीं करती है !
आज पूरे देश के हालत पर गौर किया जाये तो दिल्ली सबसे असुरक्षित जगह है ! हर तरह के जुर्म में आगे दिल्ली !सभी यही पूछ रहे है की आखिर दिल्ली पुलिस को हुआ क्या है !पुलिस बल मंत्रियो और नेताओ के जूते साफ़ करते नज़र आयेंगे !उनके घर की दीवारों की सुरक्षा में तैनात नज़र आयेंगे पर सड़क और शहर व्यवस्था का SWAL हो तो उसके लिए पुलिस सुरक्षा दल की कमी का बखान करते नज़र आयेंगे !दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर हो रही रोज़ की घटनाओं ने लाखों सवाल खड़े कर दिए है !आखिर आम आदमी अपनी परेशानियों की गुहार किससे लगाये ?हर घटना के बाद आम जनता के आक्रोश शांत करने की जल्दबाजी में गृह मंत्रालय को सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दे दिए जाते है ….समय के साथ न वो कदम उठते है न बढते है .और कुछ समय बाद एक और घटना अपने अंजाम को पहुँचती है !
दिल्ली की रोज़ की घटनाओ ने देश को मजाक बना कर रख दिया है!
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