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बिल्लो रानी तुम बड़ी सयानी
दबे पाँव ही खिड़की से आती
दौड़ता मैं जब तुम्हें पकड़ने
गुर्राके आँखें तब दिखलाती
रोज सवेरे मम्मा मुझे जगाती
मुँह धो मेरा कपडे नए पहनाती
दूध-कटोरा ले मुझको पिलाती
जतन बड़े कर माँ मुझे मनाती
दूध पी जाओ जल्दी से मुन्ना
खाना भी खालो जल्दी अपना
नहीं,पूसी सब चट कर जायेगी
बचेगा न कुछ तो भूख सताएगी
बिल्लो रानी छुपके क्यों आतीं हो
क्या माँ के बेलन से तुम डरती हो
प्यारी मम्मा मेरी दूध मुझे पिलाती
पातीं तुम भी जो नन्हे को ले आतीं
दूध तनिक न भाता है मुझको
गाके मीठी सी लोरी माँ पिलाती
पूसी चुपके से तुम पी जाओ जी
बिल्लो, जल्दी मुझे बचाओ जी
खड़ी-खड़ी यूँ आँखें चमकाओ ना
बिल्लो, दोस्त मेरी बन जाओ ना
पलभर दे दो अपना नन्हा मुझको
दूध-भात सभी फिर खा जाओ ना
हुई दोस्ती अब ना आखें दिखलाती
काम पे जाती तो नन्हा मुझे दे जाती
प्यारी बिल्लो अब डरती ना शर्माती
‘प्यार की शक्ति’ सबको जीवन देती
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