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बात यह राज़ कि छुपाई उसने

नए कदम
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बात यह राज़ कि छुपाई उसने |
रात, मेरी याद में बिताई उसने ||
मैं तो चल पड़ा था अंजन सा |
पलके मेरी रह में बिछाई उसने ||


जैसे दूर चाँद तारों का देश है |
तेरा रहना भी अब परदेस है ||
मुझे अपनी यादों में रख कर |
चांदनी प्यार कि पहुचाई उसने ||

बात यह राज़ कि छुपाई उसने |
रात, मेरी याद में बिताई उसने ||

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