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कल रात हवा के थपेड़ों ने नींद से मुझे जगा दिया
मुझे अहसास हुआ की मूसलाधार बारिश हो रही है
शायद देर रात का समय था इसलिए कोई और आवाज़ नहीं थी
बस पानी था और उसकी बनाई हुई नहरें की आवाज़ थी
अभी भी मैं बिस्तर पर एक करवट ही लेटा था
आवाज़ मूसलाधार गिरते पानी की नींद को भागा रही थी
खयाल आया की काल रात भी शायद ऐसी ही बारिश हुई होगी
मेरी प्यारी गाड़ी जमे पानी से गंदी हो गयी थी
कल फिर से गाड़ी प्यारी गंदी हो जाएगी
यह सोच सोच कर और भी नींद नहीं आ रही थी
अक्सर पानी का न आना दुख देता है और आना भी दुख
पर मुझे कहीं न कहीं खुशी भी थी
इस साल बारिश का बहुत इंतज़ार किया था
पानी की कमी हर वर्ग को रुला रही थी
एक के बात एक मौसम विभाग की गलत भविष्यवाणी
और सरकार की नाकामी कर रोज खबर बना रही थी
पानी की ताड़ ताड़ ने कुछ राहत तो पहुंचाई होगी
चाहे इस पानी से मेरी प्यारी गाड़ी गंदी होने वाली थी
बाजू वाले कमरे से चर मर की आवाज़ सी आयी
मेरी वृद्ध मम्मी भी शायद उठ गयी थी
उनको सोने के लिए दवाई लेनी पड़ती है
कुछ 5-6 साल पहले उनको मानसिक बीमारी हुई थी
अब कभी कभी उनको में कुछ खोया खोया पता हुईं
पहले वो बहुत की ज्यादा असंतुलित रहती थी
मेने उठकर देखा की वो कुर्सी पर बैठीं थी
और अपनी कमरे की खिड़की से बारिश होती देख रही थी
उन्होने बताया था की बारिश की गिरती बूंदे उनको प्रेरित करती थी
वो फिर अपने गीले मन की स्याही से पन्ने पर चित्र उकेरा करती थी
आज भी बारिश को निहारती वो उतनी ही मासूम लगती है
लगता है, जैसे वो अभी उठेंगी और कोरे कागज़ पर शब्द सजाएगी
दवाइयों ने उन्हे निष्क्रिय सा कर दिया है, सोच से
पर आशा करता हूँ की मेरी कविता वो शायद समझ पाएँगी
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