नए कदम
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खुद को समझाओ की ये वो नहीं है।
यह एक खव्ब है, कोई सच्चाई नहीं है॥
उसकी बातों में न आ जाना तुम।
बात कुछ और है, जो बताई नहीं है॥
फिर वो चले आए मेरी महफिल में।
दास्तां-ए-बेवफ़ाई हमने भुलाई नहीं है॥
उनका दिल तोड़ कर बस युही चले जाना।
यह तो मौत है, जुदाई नहीं है॥
कभी मुसकुराना और युही रूठ जाना।
गुत्थी इश्क़ ही अभी तक सुलझाई नहीं है॥
की दूर रहना ही मुनासिब है इन नाज़्नीनों से।
बात हमने खुद जानी है, किसी ने बताई नहीं है॥
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