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बीच में लाओ इनाम पाओ

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बीच में लाओ इनाम पाओ

Seeking the center

एक गिलास काँच का,थर्मोकोल की बीड्स(गोलियाँ)
एक ड्रोपर

सिद्धांत :-पृष्ठ तनाव ,अवतल व उत्तल सरफेस ,उत्प्लावन बल
प्रयोग विधि :-एक गिलास में भर कर पानी लेते है  अब उस में आठ – नो थर्मोकोल की गोलियां छोड़ देते है हम देखते है की ये गोलियां गिलास की सतह से चिपक जाती है
देखे चित्र -१

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अब हमने इन बीड्स को बिना छुए बीच में लाना है
इसके लिए हम एक ड्रोपर की मदद से बूंद-बूंद करके पानी डालते जाते है लगभग ५० -६० बुँदे डल सकती है
अब  हम देखते है कि बीड्स बीच में आने के लिए चल निकलती है
और  अब एक दो बुँदे और डालने पर ही बीड्स एकदम बीच में आ जाती है
यहाँ एक बात और ध्यान योग्य है कि पानी की सतह उत्तल तल की तरह तन जाती है

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ऐसा क्यों हुआ ??
जब  पानी गिलास में डाला था तब पानी की सतह अवतल तल की तरह थी
बीड्स ऊँचाई की तरफ ठहरी
फिर  हमने और पानी बूंद बूंद कर के डाला ,अब पृष्ठतनाव के कारण गिलास की कन्नी पर ढलान जैसी स्थिति बन गयी और पानी का तल उत्तल तल जैसा हो गया
बीड्स फिर ऊँचाई की तरफ ही ठहरी

Explanation:- The simple explanation is bouyancy. When the glass is not full (No.1), the water surface is concave. you look carefully near the glass/water they will notice that the water is higher where it touches the glass (the adhesive force between water and glass is greater than the cohesive force between water molecules). So the beads moves to the side as it seeks the highest point
Now  when you fill the glass the water surface is now convex. That is, the highest point is in the middle now. So that’s where the beads will go.

सुझावों का स्वागत है इस से प्रयोग को समझने में बच्चो को आसानी होगी ,उन की जीज्ञासायें शांत होंगी

प्रस्तुति:- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा

द्वारा–दर्शन बवेजा ,विज्ञान अध्यापक ,यमुना नगर ,हरियाणा


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