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(Arshad Warsi’s Biography in Hindi)
फिल्मी दुनियां में सितारों की किस्मत का कुछ पता नहीं होता. कभी-कभी फ्लॉप फिल्मों के बोझ के तले इन सितारों की किस्मत एक ही फिल्म से बदल जाती है या एक ही किरदार इन सितारों को अर्श से फर्श तक ला देता है. यूं तो इस लिस्ट में कई अभिनेताओं के नाम आते हैं लेकिन एक सितारा जिसने अपने एक किरदार से अपनी सभी नाकामयाबियों को छुपा दिया वह हैं अरशद वारसी (Arshad Warsi) . मुन्नाभाई एमबीबीएस में सर्किट का किरदार क्या निभाया अरशद की तो जैसे जिंदगी ही बदल गई.
अरशद वारसी (Arshad Warsi) जिन्होंने अपना कॅरियर बतौर कोरियोग्राफर शुरु किया था आज वह एक अभिनेता बन चुके हैं लेकिन यहां तक का सफर बेहद चुनौतियां भरा रहा है उनके लिए.
19 अप्रैल, 1968 को जन्मे अरशद वारसी (Arshad Warsi) का बचपन बेहद कठिनाइयों में बीता. उन्होंने नासिक के बरनेस स्कूल से (Barnes School) से अपनी पढ़ाई पूरी की. 14 साल की उम्र में ही उनके सिर से माता-पिता का साया उठ गया. छोटी उम्र से ही उन्होंने फिल्मी दुनिया में स्ट्रगल करना शुरु कर दिया. बचपन से ही अरशद को डांस में बहुत दिलचस्पी थी. और अपने पैशन को उन्होंने अपना पेशा बना लिया.
मुंबई के अकबर सामी डांस ग्रुप (Akbar Sami’s Dance group) में बतौर सह कोरियोग्राफर उन्होंने अपने कॅरियर की शुरुआत की. 1987 में उन्होंने महेश भट्ट की ‘काश’ में पहली बार कोरियोग्राफर के तौर पर काम किया.
इसके बाद 1991 में अरशद वारसी (Arshad Warsi) ने इंडियन डांस कॉम्पटीशन (Indian Dance Competition) भी जीता. 21 साल की उम्र में अरशद ने अपना डांस स्टूडियो खोला, यहीं उनकी मुलाकात मारिया (Maria Goretti) से हुई जिनके साथ आगे जाकर अरशद की शादी हुई. अपने स्टूडियो में काम करते-करते अरशद वारसी को 1993 में फिल्म “रूप की रानी चोरों का राजा” के टाइटल ट्रैक में काम करने का मौका मिला.
अपने डांस और थोड़ा बहुत एक्टिंग करने की क्षमता की वजह से उन्हें 1996 में पहली बार फिल्म में बतौर हीरो काम करने का मौका मिला जब अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की होम प्रोडक्शन कंपनी के बैनर तले पहली फिल्म बनी. 1996 में आई फिल्म “तेरे मेरे सपने” से अरशद ने अभिनय करना शुरु किया. यह फिल्म हिट रही पर इसके बाद अरशद ने जितनी भी फिल्में कीं सभी फ्लॉप ही साबित हुईं. लेकिन अरशद ने हार नहीं मानी और 2003 में उन्हें एक ऐसी फिल्म मिली जिसने उनकी पहचान ही बदल दी.
अरशद बने सर्किट
2003 में फिल्म “मुन्नाभाई एमबीबीएस” (Munnabhai MBBS)में अरशद वारसी ने सर्किट का किरदार निभाया और उनके अभिनय की सबने सराहना भी की. फिल्म एक बड़ी हिट साबित हुई. इसका फायदा यह हुआ कि अरशद में अब निर्देशक एक अच्छा कॉमेडियन देखने लगे और उनके पास फिल्मों की लाइन लग गई. “मुन्नाभाई एमबीबीएस” (Munnabhai MBBS)के लिए पहली बार अरशद वारसी (Arshad Warsi ) को फिल्मफेयर अवार्ड फॉर बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए नामांकित किया गया.
“मुन्नाभाई एमबीबीएस” के बाद अरशद (Arshad Warsi )की कई फिल्में आईं जो बेहद सफल रहीं जिसमें से प्रमुख हैं मैंने प्यार क्यूं किया, सलाम नमस्ते, गोलमाल और लगे रहो मुन्नाभाई. फिल्म “लगे रहो मुन्नाभाई ” के लिए उन्हें पहला फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला. अरशद वारसी (Arshad Warsi ) ने हाल ही में “इश्किया” और “गोलमाल 3” जैसी सफल फिल्में भी की हैं.
इसके साथ ही अरशद ने छोटे पर्दे पर भी बहुत नाम कमाया है. अरशद वारसी (Arshad Warsi ) बिग बॉस सीजन 1 (Big Boss Season 1) के होस्ट बने थे. हालांकि कुछ समय पहले अरशद अपनी शादी को लेकर भी बहुत चर्चा में आए थे जब फिल्म “हम तुम और घोस्ट” में साथ काम करते हुए उनके और दिया मिर्ज़ा (Dia Mirza) के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं और दोनों एक-दूसरे के साथ घंटों वक्त गुजारने लगे. ये बात अरशद की पत्नी मारिया को खटकने लगी और तभी से दोनों के बीच आए दिन झगड़ा शुरू हो गया. धीरे-धीरे दोनों के बीच कलह इतना बढ़ गया कि नौबत तलाक पर आ गई लेकिन समय के साथ अरशद और उनकी पत्नी की दूरियां घट गई हैं.
आज अरशद वारसी (Arshad Warsi ) एक ऐसे कलाकार बन चुके हैं जो कॉमेडी के साथ सीरियस रोल भी निभा सकते हैं. कभी एक छोटे से स्टूडियो में डांस ग्रुप चलाने वाले अरशद वारसी आज हिन्दी सिनेमा के एक चमकते सितारे बन चुके हैं.
अरशद वारसी की ज्योतिषीय विवरणिका देखने के लिए यहां क्लिक करें.
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