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Chaitra Navratri 2012
कल से नवरात्र पर्व (Navratri Festival) शुरू हो रहे हैं. नवरात्रों का भारतीय संस्कृति में अहम स्थान है. नवरात्रों में मां शक्ति की पूजा अर्चना की जाती है. इस दौरान देवी के नौ रूपों का पूजन होता है. इस पर्व को बेहद भक्तिमय और पवित्रता के साथ मनाया जाता है. नवरात्र का हर दिन एक विशेष देवी को समर्पित होता है. नवरात्र का हर दिन समान भक्ति भाव से पूजा जाता है. भक्ति के यह नौ दिन भारतीय संस्कृति और इसकी विविधता की झलक देते हैं.
आइए एक नजर डालें नवरात्र के नौ दिन और हर दिन की विशेष पूजन विधि पर.
नवरात्र का पहला दिन : पूजन विधि और कथा
नवरात्र पर्व (Navratri Festival) के प्रथम दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है. मां दुर्गा अपने प्रथम स्वरूप में शैलपुत्री के रूप में जानी जाती हैं.
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नवरात्र का दूसरा दिन : पूजन विधि और कथा
ब्रह्मचारिणी देवी: भगवती दुर्गा की नौ शक्तियों का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी का है. ब्रह्म का अर्थ है तपस्या, तप का आचरण करने वाली भगवती, जिस कारण उन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया.
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नवरात्र का तीसरा दिन : पूजन विधि और कथा
मां चन्द्रघण्टा : नवरात्र के तीसरे दिन माता भगवती के चन्द्रघंटा स्वरुप की पूजा की जाती है. माता के माथे पर घंटे के आकार का अर्धचन्द्र है, जिस कारण इन्हें चन्द्रघंटा कहा जाता है.
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नवरात्र का चौथा दिन: पूजन विधि और कथा
कूष्माण्डा माता: मां दुर्गा अपने चतुर्थ स्वरूप में कूष्माण्डा के नाम से जानी जाती हैं. नवरात्र के चौथे दिन आयु, यश, बल व ऐश्वर्य को प्रदान करने वाली भगवती कूष्माण्डा की उपासना-आराधना का विधान है.
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नवरात्र का पांचवा दिन: पूजन विधि और कथा
स्कन्दमाता: शेर पर सवार होकर माता दुर्गा अपने पांचवें स्वरुप स्कन्दमाता के रुप में भक्तजनों के कल्याण के लिए सदैव तत्पर रहती हैं. कल्याणकारी शक्ति की अधिष्ठात्री देवी स्कन्दमाता की नवरात्र में पूजा अर्चना करने का विशेष विधान है.
इस दिन के बारे में संपूर्ण जानकारी के लिए यहां क्लिक करें :स्कन्दमाता
नवरात्र का छठा दिन : पूजन विधि और कथा
मां कात्यायनी: मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं. दुर्गा पूजा के छठे दिन इनके स्वरूप की पूजा की जाती है. इस दिन साधक का मन ‘आज्ञा चक्र’ में स्थित रहता है.
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नवरात्र का आठवां दिन : पूजन विधि और कथा
मां गौरी: महाष्टमी के दिन महागौरी की पूजा का विशेष विधान है. देश भर में महाष्टमी की पूजा की छटा देखते ही बनती है.
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नवरात्र का नौवां दिन: पूजन विधि और कथा
मां सिद्धिदात्री: मां सिद्धिदात्री सुर और असुर दोनों के लिए पूजनीय हैं. जैसा कि मां के नाम से ही प्रतीत होता है मां सभी इच्छाओं और मांगों को पूरा करती हैं. ऐसा माना जाता है कि देवी का यह रूप यदि भक्तों पर प्रसन्न हो जाता है, तो उसे 26 वरदान मिलते हैं.
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