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25 दिसंबरको पूरे विश्व में क्रिसमस की धूम होने वाली है. क्रिसमस संपूर्ण विश्व का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है. यह लगभग विश्व के सभी राष्ट्रों एवं महाद्वीपों में मनाया जाता है. और भारत में ईसाईयों की कम जनसंख्या होने के बाद भी बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. बाइबल के द्वारा क्रिसमस को शांति फैलाने वाला माना गया है क्योंकि पवित्र शास्त्र में ईसा को ‘शांति का राजकुमार’ नाम से पुकारा गया है और ईसा हमेशा अभिवादन के रूप में कहते थे- ‘शांति तुम्हारे साथ हो.’ शांति के बिना किसी भी धर्म का अस्तित्व संभव नहीं है.
इस तरह हम कह सकते हैं क्रिसमस न सिर्फ मौज मस्ती, गिफ्टस, केक या मनोरंजन ही नहीं बल्कि एक धार्मिक त्यौहार भी है. क्रिसमस का पर्व हमसे भ्रातृ-प्रेम द्वारा ईश्वर के प्रेम की कृतज्ञता प्रकट करने को कहता है.
किसमस का उद्देश्य मनुष्य में आपसी प्रेम, हित और त्याग की भावना को कायम रखना है. ईशु का जन्म ही क्रिसमस की प्रेरणा का अद्भुत स्रोत रहा है जो शताब्दियों से लोगों में उत्सुकता जगाता आ रहा है.
वैसे आजकल हम क्रिसमस का व्यापारिक रुप ज्यादा देखते हैं जहां लोग ईसा के वचनों को याद करने की बजाय सिर्फ गिफ्ट्स, केक और धूमधाम से इसे मनाने में ज्यादा रुचि दिखाते हैं.
क्रिसमस का त्यौहार कई चीजों के लिए खास होता है जैसे क्रिसमस ट्री, स्टार, गिफ्टस आदि. और हां कई लोग मानते हैं क्रिसमस के दिन सांता क्लॉज बच्चों को उपहार देता है. सांता क्लॉज को याद करने का चलन 4वीं शताब्दी से आरंभ हुआ था और वे संत निकोलस थे जो तुर्किस्तान के मीरा नामक शहर के बिशप थे. सांता क्लाज़ लाल व सफेद ड्रेस पहने हुए, एक वृद्ध मोटा पौराणिक चरित्र है, जो रेन्डियर पर सवार होता है, तथा समारोहों में, विशेष कर बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. वह बच्चों को प्यार करता है तथा उनके लिए चाकलेट, उपहार व अन्य वांछित वस्तुएं लाता है, जिन्हें वह संभवत: रात के समय उनके जुराबों में रख देता है. क्रिसमस को और भी मनोरंजक और मजेदार बनाने में सांता क्लॉज का बड़ा योगदान है.
आप सभी को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएं
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