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Hariyali Teej 2012- खुशियों और उमंग का त्यौहार: हरियाली तीज

Special Days
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Hariyali Teej 2012 in India

भारत को त्यौहारों का देश भी कहा जाता है. हर मौसम अपने साथ कई त्यौहार साथ लेकर आता है. सावन का महीना भी कई त्यौहार लेकर आता है जिसमें से खास है हरियाली तीज. हरियाली तीज जैसा कि नाम से ही जाहिर है मौसम में हरियाली की शुरुआत करने वाला त्यौहार.


2012 Hariyali Teej Vrat Date

इस वर्ष हरियाली तीज 22 जुलाई 2012 को पड़ रहा है.


Hariyali TeejTeej – The Festival of Women: हरियाली तीज कब मनाई जाती है?

श्रावण माह के शुक्ल पक्ष में तृतीया तिथि को विवाहित महिलाएं हरियाली तीज के रुप में मनाती हैं. यह समय है जब प्रकृति भी अपने पूरे शबाब में होती है, बरसात का मौसम अपने चरम पर होता है और प्रकृति में सभी ओर हरियाली होती है जो इसकी खूबसूरती को दुगुना कर देती है. इसी कारण से इस त्यौहार को हरियाली तीज कहते हैं.


परंपरा के अनुसार तीज सभी पर्वों के शुरुआत की प्रतीक मानी जाती है. आ गई तीज बिखेर गई बीज, आ गई होली भर गई झोली कहावत के आधार पर तीज पर्व के बाद त्यौहारों का शीघ्र आगमन होता है और यह सिलसिला होली तक चलता है.


कौन करती हैं हरियाली तीज

इस व्रत को अविवाहित कन्याएं योग्य वर को पाने के लिए करती हैं. विवाहित महिलाएं इसे अपने सुखी और लंबे विवाहित जीवन के लिए करती हैं.


Teej Story in hindi: हरियाली तीज की कथा

किंवदंती है कि पुरातन समय में देवी पार्वती एक बार अपने पति भगवान शिव से दूर प्रेम विरह की गहरी पीड़ा से व्याकुल थीं. इस तड़प के कारण देवी पार्वती ने इस व्रत को किया था. पार्वती जी इस दिन पति परमेश्वर के प्रेम में इतनी लीन हो गईं कि उन्हें न खाने की सुध रही है और न पीने की. इस तरह वह पूरे 24 घंटे व्रत रहीं और इस व्रत के फल के रूप में उन्हें अपने पति का साथ पुनः प्राप्त हुआ. तब से इस दिन स्त्रियां अपने सुहाग के लिए उपवास रखकर मनोकामनाएं पूरी होने का आशीर्वाद मांगती हैं.


Teej Vart Pujan Vidhi: हरियाली तीज व्रत पूजन विधि

इस त्यौहार में ज्यादातर महिलाएं कुछ भी ठोस खाना नहीं खाती हैं. कुछ धार्मिक प्रवृति की महिलाएं इस दिन पानी भी नहीं पीती हैं. इस व्रत में सुबह स्नान के बाद भगवान शिव और पार्वती जी की पूजा करती हैं, पूरे दिन भजन गाती हैं तथा हरितीलिका व्रत की कथा को सुनती हैं. कुछ जगहों पर महिलाएं माता पार्वती की पूजा करने के पश्चात लाल मिट्टी से नहाती हैं. ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से महिलाएं पूरी तरह से शुद्ध हो जाती हैं. कई जगह इस दिन झूला झूलने की भी परंपरा है. हरियाली तीज भारतीय शादी की परंपरा में पत्नी के महत्व को दर्शाता है. आज चाहे इस त्यौहार में कितना भी आधुनिक रंग मिल गया हो लेकिन इस पर्व की निष्ठा और इसे करने वालों की भक्ति में कोई कमी नहीं आई है.


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