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आर्मी दिवस: सहरद के वीर सपूतों को भारत मां का सलाम

Special Days
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देश के नागरिकों को अपनी सेना पर हमेशा ही गर्व रहा है. तभी तो आज भी हर एक भारतवासी भारतीय सेना की उपलब्धियों को याद करते हुए अपने आप को गौरवांवित महसूस करता है. वह खुद को अपनी सेना के साथ जुड़ा पाता है. इसलिए जब कभी भी बॉर्डर पर जंग लड़ते हुए कोई सैनिक शहीद होता है तो वह एक परिवार के सदस्य की तरह दुखी हो जाता है. कल भारतीय सेना दिवस है जिस उपलक्ष्य में हम उन अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने अपने प्राण देकर देश की हिफाजत की.


indian army dayभारतीय सेना दिवस

थल सेना दिवस देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सपूतों के प्रति श्रद्धांजलि देने का दिन है. 15 जनवरी, 1948 को पहली बार के एम. करियप्पा. को देश का पहला लेफ्टीनेंट जनरल घोषित किया गया था. इसके पहले ब्रिटिश मूल के फ्रांसिस बूचर इस पद पर थे. इस समय 13 लाख भारतीय सैनिक थल सेना में अलग-अलग पदों पर कार्यरत हैं, जबकि 1948 में सेना में तकरीबन दो लाख सैनिक थे. सेना दिवस देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने की प्रेरणा का पवित्र अवसर माना जाता है साथ ही यह देश के जांबाज रणबांकुरों की शहादत पर गर्व करने का एक विशेष मौका भी है.


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भारतीय सेना की उपलब्धियां

1965 का भारत पाकिस्तान युद्ध

अगस्त 1965 से लेकर सितंबर 1965 तक भारत और पाकिस्तान के बीच दूसरा कश्मीर युद्ध हुआ. इस युद्ध में भारतीय सेना ने अदम्य साहस का प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तानी सेना को हराया था. कहा तो यह भी जाता है कि इस युद्ध में भारतीय सेना ने लाहौर तक मोर्चा खोल दिया था. इस युद्ध में भारतीय जल सेना ने भी अपना जौहर दिखाया था.


1971 में बांग्लादेश की स्थापना

1971 का भारत-पाक युद्ध कौन भूल सकता है. यह एक ऐसा युद्ध था जिसने इतिहास बदल दिया. इस युद्ध में पाकिस्तान के जनरल एएके नियाजी ने 90 हजार सैनिकों के साथ आत्मसमर्पण किया था. इस आत्मसमर्पण के बाद ही पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश नाम का एक स्वतंत्र राष्ट्र बना था. भारतीय सेना का यह गौरव हमारे मस्तक का तिलक है.


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कारगिल युद्ध (1999)

मई 1999 में एक स्थानीय ग्वाले से मिली सूचना के बाद बटालिक सेक्टर में ले. सौरभ कालिया के पेट्रोल पर हमले ने भारतीय इलाके में घुसपैठियों की मौजूदगी का पता दिया. इसके बाद भारतीय सेना ने इस धोखे के खिलाफ ऐसा शौर्य दिखाया कि 26 जुलाई को आखिरी चोटी पर भी फतह पा ली गई. यही दिन अब करगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.

भारतीय सेना का विश्व में शांति और सुरक्षा कायम करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान रहा है. भारत विश्व में शांति के लिए हमेशा ही दृढसंकल्प रहा है. भारतीय विदेश नीति के अनुरूप सेना ने संयुक्त राष्ट्र के शांति बहाल करने के विभिन्न अभियानों में भाग लिया है.


  1. संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन के तहत भारत का पहला अभियान 1950-52 में कोरिया में था.
  2. नवंबर 1998 में भारतीय थल सेना ने लेबनान में संयुक्त राष्ट्र की अंतरिम सेना में अपनी पैदल सेना की एक बटालियन भेजी.
  3. संयुक्त राष्ट्र के शांति बहाल करने के प्रयासों में भाग लेने के अलावा भारतीय थल सेना ने सहायता मांग रहे अपने पड़ोसी देशों की भी सहायता की है. 1971 में बांग्लादेश बनने से पहले वहां के लोगों को पाक सेनाओं के बंधन से मुक्त कराना.
  4. श्रीलंका में गृहयुद्ध के समय भी भारतीय सेना ने वहां शांति स्थापना के लिए अभियान चलाया था. 1987 के मध्य में श्रीलंका ने उत्तरी तमिल उग्रवादियों के ख़िलाफ़ श्रीलंकाई सशस्त्र सेनाओं द्वारा की जा रही कार्यवाही और बाद में इन उग्रवादियों द्वारा समर्पण का निरीक्षण करने के लिए भारतीय थल सेना की सहायता मांगी.
  5. 1988 में भारतीय सशस्त्र सेना ने मालदीव में हुए एक सैन्य विद्रोह को दबाने में वहां की सरकार की सहायता के लिए एक अभियान शुरू किया.
  6. भारतीय सेना की एक इकाई दक्षिणी सूडान में शांति बहाली में वहां की सेना की मदद कर रही है.

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