- 1020 Posts
- 2122 Comments
भारत जैसे देशों में जिसका इतिहास ही उसकी कला और संस्कृति से जुड़ा हुआ हो वहां जब कला के क्षेत्र से जुड़ा हुआ कोई भी व्यक्ति अपना हुनर दिखाता है तो उसे युगों-युगों तक याद किया जाता है. इन्हीं कलाकारों में एक हैं महान चित्रकार और भारतीय संविधान की मूल प्रति को अपने चित्रों से सजाने वाले नंदलाल बसु. आज उनकी पुण्यतिथि है.
Read:पास आ गई है संजय दत्त की जेल यात्रा की तारीख
नंदलाल बसु का जीवन
नंदलाल बसु का जन्म 3 दिसम्बर, 1882 को बिहार के खड़गपुर में एक बंगाली परिवार हुआ. उनके पिता पूर्णचंद्र बोस ऑर्किटेक्ट तथा महाराजा दरभंगा की रियासत के मैनेजर थे. शिक्षा प्राप्त करने के लिए उन्हें अनेक विद्यालयों में भर्ती कराया गया, पर वे पढ़ाई में मन न लगने के कारण सदा असफल होते. उनकी रुचि आरंभ से ही चित्रकला की ओर थी. उन्हें यह प्रेरणा अपनी मां क्षेत्रमणि देवी से मिट्टी के खिलौने आदि बनाते देखकर मिली.
नंदलाल बसु की शिक्षा
प्रख्यात साहित्कार अवनीन्द्रनाथ ठाकुर के शिष्य नंदलाल का झुकाव शुरू से ही कला के क्षेत्र में था. वह कला के क्षेत्र में ही शिक्षा प्राप्त करना चाहते थे लेकिन उनके परिवार द्वारा इसकी अनुमति नहीं मिली. परिणाम यह हुआ कि कला में रुचि होने की वजह से उनका मन दूसरे विषय में बिलकुल नहीं लग रहा था. आखिरकार नंदलाल को कला विद्यालय में भर्ती कराया गया. इस प्रकार 5 वर्ष तक उन्होंने चित्रकला की विधिवत शिक्षा ली. उन्होंने 1905 से 1910 के बीच कलकत्ता गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ आर्ट में अवनीन्द्ननाथ ठाकुर से कला की शिक्षा ली, इंडियन स्कूल ऑफ ओरियंटल आर्ट में अध्यापन किया और 1922 से 1951 तक शान्तिनिकेतन के कलाभवन के प्रधानाध्यापक रहे.
स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान
चित्रकारी से जुड़े होने की वजह से नंदलाल का संपर्क रवीन्द्रनाथ ठाकुर के अलावा आनंद कुमार स्वामी, भगिनी निवेदिता आदि से हुआ. उनके चित्रों की प्रशंसा देश-विदेशों में होने लगी थी और धीरे-धीरे चित्रकार के रूप में उन्होंने ख्याति प्राप्त कर ली. नंदलाल अजंता के चित्रों से काफी प्रभावित थे इसलिए इन चित्रों की प्रतिकृति भी बनाना शुरू किया. वह शुरु-शुरू में पौराणिक विषयों और नर-नारी के चित्र अधिक बनाते थे. लेकिन बाद में रवीन्द्रनाथ ठाकुर की कविताओं के आधार पर जीवन की समस्याओं से संबंधित चित्र बनाने लगे. चित्रकार नंदलाल गांधीजी और सुभाष चंद्र बोस, जवाहरलाल नेहरू के अत्यंत प्रिय थे. राष्ट्रीय स्वाधीनता आंदोलन का भी उनकी कला पर प्रभाव पड़ा. उन्होंने कांग्रेस अधिवेशनों के पैनल बनाए और महात्मा गांधी का लाइफ साइज रेखाचित्र बनाया, जो बहुत प्रसिद्ध हुआ.
Read:पढ़ें गुरु नानक जी के 10 उपदेश
भारतीय संविधान की मूल प्रति को सजाया
नंदलाल को इस बात के लिए भी जाना जाता है कि उन्हें भारतीय संविधान की मूल प्रति को अपनी चित्रों से सजाने का मौका मिला. यह मौका उन्हें देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने दिया. 221 पेज के इस दस्तावेज के हर पन्नों पर तो चित्र बनाना संभव नहीं था. लिहाजा, नंदलाल जी ने संविधान के हर भाग की शुरुआत में 8-13 इंच के चित्र बनाए. संविधान में कुल 22 भाग हैं. इस तरह उन्हें भारतीय संविधान की इस मूल प्रति को अपने 22 चित्रों से सजाने का मौका मिला. इन 22 चित्रों को बनाने में चार साल लगे. चित्रकार नंदलाल के इस काम की काफी प्रशंसा हुई. उन्हें तब इस काम के लिए 21,000 मेहनताना भी दिया गया.
उनके प्रसिद्ध चित्रों में – ‘डांडी मार्च’, ‘संथाली कन्या’, ‘सती का देह त्याग’ आदि शामिल हैं. नंदलाल बोस ने चित्रकारी और कला अध्यापन के अतिरिक्त तीन पुस्तिकाएं भी लिखीं – रूपावली, शिल्पकला और शिल्प चर्चा. उनकी उपलब्धि को देखते हुए 1954 में भारत सरकार द्वारा उन्हें ‘पद्मविभूषण’ से सम्मानित किया गया. 16 अप्रैल, 1966 को इस महान और विश्वविख्यात चित्रकार का देहांत हो गया.
निःसंदेह इसमें कोई शक नहीं कि नंदलाल बोस देश के पहले और सच्चे नवयुग पेंटर थे. इसके बनाने का माध्यम लाइन वॉश और वॉटर कलर था जो अब राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रह में सुरक्षित है. उनके नाम से आज भी अधिकांश लोग अच्छी तरह वाकिफ हैं. इन्होंने अपनी चित्रकारी के माध्यम से आधुनिक आंदोलनों के विभिन्न स्वरूपों, सीमाओं और शैलियों को उकेरा, जिसे शांति निकेतन में बड़े पैमाने पर रखा गया. निःसंदेह नंदलाल बोस की चित्रकारी में एक अजीब सा जादू था जो किसी को भी बरबस अपनी ओर आकर्षित कर लेता था. उनकी चित्रकारी में खूबसूरती की एक अमिट छाप दिखाई पड़ती थी. बोस की पेंटिंग तकनीक भी कमाल की थी जिसका कोई जवाब नहीं है. नंदलाल की पेंटिंग का एशिया में बहुत प्रभाव था हालांकि उनकी चित्रकारी को पश्चिम में भी काफी तवज्जो मिला है.
Read More:
Tags:Nandalal Bose was an Indian painter, Nandalal Bose was an Indian painter in hindi, painter Nandalal Bose, Nandalal Bose’s profile, Indian painter, नंदलाल बसु, नंदलाल.
Read Comments