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World No Tobacco Day: अंतरराष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस पर विशेष

Special Days
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World No Tobacco Day (WNTD)

जिंदगी भगवान का दिया हुआ सबसे खूबसूरत तोहफा है. इस तोहफे को कुछ लोग तो बहुत संजो कर रखते हैं पर कुछ इस तोहफे को शराब, तंबाकू और गुटखे जैसी चीजों से बदनुमा और बदसूरत कर देते हैं. जिंदगी के खूबसूरत पलों को लोग शराब, ड्र्ग्स और तंबाकू जैसी चीजों के नशे में डुबो कर बर्बाद कर देते हैं. लेकिन जिंदगी को बदसूरत बनाने वाली यह चीजें अक्सर जिंदगी ही खत्म कर देती हैं. तंबाकू भी एक ऐसा ही पदार्थ है जो विश्व में भर लाखों लोगों की खूबसूरत जिंदगी को ना सिर्फ बदसूरत बना देता है बल्कि उसे पूरी तरह खत्म ही कर देता है.


तंबाकू ना सिर्फ जिंदगी तबाह कर देता है बल्कि जिस अंदाज में यह जिंदगी को खत्म करता है वह बेहद दयनीय और दर्दनाक होता है. मुंह और गले का कैंसर इसी तंबाकू की ही देन होती है. कई लोग शौक से तो कई इसके नशे की वजह से इसका सेवन करते हैं लेकिन दोनों ही सूरतों में यह तंबाकू किसी भी कीमत पर खाने वाले से दोस्ती नहीं करता, बल्कि यह उन दोस्तों में से हैं जो आपका पैसा भी खाते हैं और वक्त आने पर आपकी पीठ पर छुरा भी घोंपते हैं. तो ऐसे दोस्तों से दोस्ती क्यूं बढ़ाएं, चलिए आज इस दुश्मन रूपी दोस्त को अपनी जिंदगी से निकाल फेंके.

International Day Against Drug Abuse and Illicit Traficking

no tobacco dayEffect of Tobacco in world

दुनिया में हर साल तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से क़रीब 50 लाख लोगों की मौत होती है. लेकिन इसके बावजूद लोग लगातार तंबाकू के आदी बनते जा रहे हैं. धूम्रपान के सेवन से कई दुष्‍‍परिणामों को झेलना पड़ सकता है. इनमें फेफड़े का कैंसर, मुंह का कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक, अल्सर, दमा, डिप्रेशन आदि भयंकर बीमारियां भी हो सकती हैं. इतना ही नहीं महिलाओं में तंबाकू का सेवन गर्भपात या होने वाले बच्चे में विकार उत्पन्न कर सकता है.


विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day)

तंबाकू के इसी दुष्परिणाम को समझते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 1988 से 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया. साल 2008 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी तंबाकू विज्ञापनों, प्रमोशन आदि पर बैन लगाने का आह्वान किया.


What is Tobacco: क्या है तंबाकू

निकोटियाना प्रजाति की वनस्पति के पत्तों को सुखा कर नशा करने के लिए तम्बाकू तैयार किया जाता है. दुनिया का काफी प्राचीन नशा करने का पदार्थ होने के कारण यह आज भी बहुत प्रचलित है. तम्बाकू का नशा दो प्रकार से किया जाता है चबा कर या फिर धुंआ बना कर. धुएं के रूप में जब इसे लिया जाता है तो बोलचाल की भाषा में हम इसे सिगरेट कह देते हैं. पान मसाला, खैनी, गुटखा सब इसी से जुड़े हुए पदार्थ हैं.


भारत की स्थिति

भारत में भी तंबाकू से जुड़ी बीमारियां बहुत फैली हुई हैं. यूं तो कहने को भारत में सरकार ने धूम्रपान निषेध कानून बनाया जिसमें सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान करने वालों के खिलाफ दंड का प्रावधान है. लेकिन अब इस “सार्वजनिक जगह” में किस-किस जगह को शामिल किया गया है इसके बारे में किसी को नहीं पता. लोग धड़ल्ले से रेल स्टेशनों, हवाई अड्डों, बस स्टैंडों पर सिगरेट पीते हैं लेकिन उन्हें रोको तो वह इसे अपना अधिकार समझते हैं. ठोस कानून की कमी और कानून को लागू ना करने की वजह से ही देश में लगातार तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से मरने वालों की संख्या बढ़ रही है.


अगर स्थिति पर जल्द से जल्द काबू नहीं पाया गया तो हो सकता है आने वाले कुछ सालों में तंबाकू से जुड़ी बीमारियां बढ़ें और इससे लोगों की और अधिक संख्या में मृत्यु हो. तंबाकू के खिलाफ लोगों के अंदर जागरुकता पैदा करने की जरूरत है. साथ ही अगर आपके अंदर भी तंबाकू खाने या सिगरेट पीने की आदत है और आप इस आदत को नहीं छोड़ पा रहे हैं तो जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से सलाह लें.


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