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बॉलिवुड में जब भी खान उपनाम वाले अभिनेताओं का नाम आता है सारा ध्यान सलमान, शाहरुख, आमिर या सैफ की तरफ ही जाता है लेकिन इस भीड़ में एक ऐसा भी अभिनेता है, जो स्वयं को स्टार नहीं,बल्कि कलाकार मानता है. और कलाकार है बर्थडे बॉय इरफान खान (Irrfan Khan).
(Naseeruddin Shah) जैसे कलाकारों को प्राप्त है वही स्थान आज के समय में इरफान खान को प्राप्त हो चुका है. लेकिन कहते हैं ना कि सफलता अपने साथ कुछ बवाल लेकर जरूर आती है उसी तरह इरफान खान की कामयाबी में कुछ विवाद भी साथ हैं.
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Irrfan Khan’s Casting Couch Scandal: कास्टिंग काउच का कांड
बॉलिवुड में यूं तो कास्टिंग काउच कोई नई चीज नहीं है लेकिन पिछले दिनों फिल्म “पान सिंह तोमर” के दौरान अभिनेता इरफान खान पर फिल्म की ही एक को-स्टार ममता पटेल ने कास्टिंग काउच का आरोप लगाया था. खबरों के अनुसार इरफान ने ममता पटेल नाम की एक्ट्रेस के साथ जबरदस्ती नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश की और इसकी एवज में ममता पटेल को अच्छे रोल दिलाने का वादा किया था. ममता पटेल ने पान सिंहतोमर में कर्नल मसंद की पत्नी का छोटा सा किरदार निभाया है जिसके लिए फिल्म में पान सिंह आइसक्रीम पहुचाने जाता है.
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Success of Irrfan Khan: पान सिंह तोमर की सफलता
पान सिंह तोमर की वजह से ही इरफान खान को अपने पहली बार एक सोलो सक्सेस हासिल की. इरफान ने अब तक कैरेक्टर, विलेन, सहायक अभिनेता, पैरेलल हीरो के रोल प्ले किए हैं.
ऑलराउंडर अभिनेता हैं इरफान खान
इरफान खान ने अपनी अभिनय प्रतिभा के बल पर दर्शकों के हर वर्ग को प्रभावित किया है. यूं तो इरफान खान की छवि गंभीर अभिनेता की है, पर वे हास्य रस से भरपूर भूमिकाओं में भी दर्शकों के लिए उपलब्ध होते रहे हैं. वे एक ओर अगर नेमसेक और ए माइटीहार्ट जैसी संवेदनशील फिल्में करते हैं, तो दूसरी ओर साढ़े सात फेरे और सनडे जैसी कॉमेडी फिल्मों में भी अपनी अभिनय प्रतिभा के जलवे बिखेरते हैं. वे मकबूल में गंभीर भूमिका निभाते हैं, तो मेट्रो में अपनी मासूम हरकतों से हंसाते भी हैं.
Irrfan Khan’s Biography: इरफान खान का जीवन
जयपुर में पले-बढ़े इरफान एमए की पढ़ाई कर रहे थे, जब उन्हें नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में प्रशिक्षण के लिए स्कॉलरशिप मिला. दिल्ली स्थित नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से अभिनय में प्रशिक्षित होने के बाद इरफान ने मुंबई का रूख किया. मुंबई आने के बाद वे धारावाहिकों में व्यस्त हो गए. चाणक्य, चंद्रकांता, स्टार बेस्ट सेलर्स जैसे लोकप्रिय धारावाहिकों में इरफान केबेहतरीन अभिनय ने फिल्म निर्माता-निर्देशकों का ध्यान अपनी ओर खींचा. मीरा नायर की सम्मानित फिल्म सलाम बांबे में उन्हें मेहमान भूमिका निभाने का अवसर मिला. सलाम बांबे के बाद इरफान लगातार ऑफबीट फिल्मों में अभिनय करते रहें. एक डॉक्टर की मौत,कमला की मौत और प्रथा जैसी समांतर फिल्मों में अभिनय के बाद इरफान ने मुख्य धारा की फिल्मों की ओर रूख किया. हासिल में रणविजय सिंह की नकारात्मक भूमिका में इरफान ने अपनी अभिनय-क्षमता का लोहा मनवाया. देखते-ही-देखते वे मुख्य धारा के निर्माता-निर्देशकों की भी पसंद बन गए.
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Irrfan Khan and His Wife: इरफान खान और उनकी पत्नी का फसाना
इरफान खान और सुतपा सिकदर दिल्ली के एन.एस.डी. (राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, दिल्ली) में वर्ष 1984 में मिले. सुतपा दिल्ली की थीं और इरफान जयपुर से आए थे. उनके सपनों को एनएसडी में एक पड़ाव मिला. इसे दो विपरीत ध्रुवों का आकर्षण भी कह सकते हैं, लेकिन अमूमन जीवन नैया में एक ही दिशा के दो यात्री सवार होते हैं. लंबे समय तक लिव-इन-रिलेशन में रहने के बाद उन्होंने शादी का फैसला लिया.
नए दौर के भारतीय सिनेमा का प्रतिनिधित्व करने वाले इरफान की लोकप्रियता ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय दर्शक नायक में सिर्फ अच्छी शक्ल-सूरत नहीं देखते. तभी तो, साधारण नैन-नक्श वाले प्रतिभाशाली अभिनेता इरफान खान की किसी फिल्म में उपस्थिति मात्र दर्शकों को सिनेमाघर की ओर आकर्षित करती है. उम्मीद है, आने वाले कई वर्षो तक हिन्दी फिल्में इरफान खान की प्रतिभा से लाभान्वित होती रहेंगी और अभिनेताओं की कई पीढि़यां अभिनय प्रतिभा के धनी इस कलाकार से प्रेरित होती रहेंगी.
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