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बॉलिवुड में जब भी जेपी दत्ता का नाम आता है तो आंखों के सामने बॉर्डर, एलओसी कारगिल, उमराव जान जैसी भव्य फिल्में आ जाती हैं. हिन्दी सिनेमा में जेपी दत्ता ने बहुत कम फिल्में बनाई हैं लेकिन उनकी फिल्में हमेशा सब से हटकर होती हैं. देशभक्ति और जंग पर आधारित फिल्में बनाने के कारण ही जेपी दत्ता को सबसे हटकर माना जाता है.
जेपी दत्ता का जीवन
आज 3 अक्टूबर को जेपी दत्ता का जन्मदिन है. जेपी दत्ता का बर्थडे हमेशा सादे तरीके से मनाया जाता है और यही वजह है कि बहुत कम लोग उनके बारे में जानते हैं. जेपी दता का पूरा नाम ज्योति प्रकाश दत्ता है. जेपी दत्ता का जन्म 03 अक्टूबर, 1949 को मशहूर फिल्म निर्देशक ओपी दत्ता के घर हुआ. अपने पिता ओपी दत्ता से ही जेपी दत्ता को फिल्में बनाने का सपना मिला. आज भी जेपी दत्ता की अधिकतर फिल्मों के संवाद उनके पिता ओपी दत्ता ही लिखते हैं.
जेपी दत्ता का कॅरियर
जेपी दत्ता ने अपने कॅरियर की शुरूआत 1985 में फिल्म “गुलामी” से की. इसके बाद यतीम, बंटवारा, हथियार, क्षत्रिय जैसी फिल्में निर्देशित की. साल 1997 में उन्होंने ब्लॉक बस्टर फिल्म बनाई “बॉर्डर”. फिल्म सुपर-डुपर हिट रही. इसके बाद जेपी लेकर आए युद्ध पर ही आधारित फिल्म “रिफ्यूजी” जिसमें अभिषेक बच्चन और करीना कपूर ने एक साथ काम किया. फिल्म फ्लॉप तो हुई पर समीक्षकों ने इसे सराहा.
जेपी दत्ता ने अपने कॅरियर में “रिफ्यूजी” के बाद साल 2003 में करगिल पर आधारित फिल्म “एल ओ सी करगिल” बनाई . एक बार फिर अपने बेजोड़ निर्देशन की वजह से उन्होंने लोगों का दिल जीता. साल 2006 में उन्होंने पीरियोडिक फिल्म “उमराव जान” बनाई जिसमें अभिषेक और ऐश्वर्या की जोड़ी दिखी. यह फिल्म भी उनकी कुछ हिट फिल्मों में से एक है. हाल के सालों में जेपी दत्ता 1997 की ब्लॉक बस्टर फिल्म “बॉर्डर” का सिक्वल बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
जेपी दत्ता ने अभिनेत्री बिंदिया गोस्वामी से शादी की है और उनकी दो बेटियां भी हैं. जेपी दत्ता इंडस्ट्री में अपने गुस्से के लिए बहुत मशहूर हैं फिर चाहे वह फिल्म के दौरान कलाकारों पर हो या पार्टी में.
देखते हैं जेपी दत्ता की महत्वाकांक्षी फिल्म “बॉर्डर 2” कब तक पर्दे पर आती है और कैसा जादू चलाती है.
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