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बॉलिवुड में जब भी कॉमिक किरदारों की बात आती है तो अधिकतर पुरुष अभिनेता ही बाजी मार लेते हैं. कुछेक नाम ही अभिनेत्रियों के आते हैं. इन नामों में एक नाम अहम है जूही चावला का. भारतीय सिनेमा जगत में जूही चावला ने अपना एक अलग स्थान बनाया है जहां उन्हें लोग उनकी जिंदादिल कॉमेडी के लिए याद करते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि वह एक ही भूमिका में बंधी रहीं. उन्होंने कई फिल्मों में गंभीर किरदारों को भी पर्दे पर जीवंत किया है. आज जूही चावला शादी कर चुकी हैं और फिल्मों में कम नजर आती हैं. लेकिन आज भी उनकी उपस्थिति विज्ञापनों और टीवी सीरियलों में जारी है. पारिवारिक जिम्मेदारियों के बाद भी उन्होंने अपने काम से मुंह नहीं मोड़ा है. आज अभिनेत्री जूही चावला का जन्मदिन है तो चलिए जानते हैं उनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें.
जूही चावला का नाम सुनते ही खिलखिलाता हुआ एक चेहरा सामने आ जाता है, जिस पर बढ़ती उम्र की कोई शिकन नहीं दिखती. कॅरियर की दूसरी फिल्म कयामत से कयामत तक से उन्हें अच्छी लोकप्रियता मिली और एक मध्य वर्गीय शालीन लड़की की उनकी छवि ने दर्शकों पर ऐसा जादू चलाया, जो आज भी कायम है. मिस इंडिया रह चुकी जूही ने अपने लंबे फिल्मी सफर में हर तरह की भूमिका निभाई. उन्हें सबसे अधिक उनकी कॉमिक टाइमिंग के लिए पसंद किया जाता रहा है.
जूही चावला का जीवन
जूही चावला का जन्म लुधियाना, पंजाब में 13 दिसंबर, 1967 को हुआ था. वह डॉ. एस. चावला और मोना चावला की पहली संतान हैं. उन्होंने लुधियाना से ही अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की. इसके बाद उनका परिवार मुंबई आ गया. मुंबई में उन्होंने सिडेनहम कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरी की.
1984 में उन्होंने मिस इंडिया का खिताब जीता. इसके अलावा उन्होंने 1984 के ही मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में बेस्ट कॉस्ट्यूम अवार्ड भी जीता. सौंदर्य प्रतियोगिताओं में सफलता पाने के बाद उन्होंने बॉलिवुड का रूख किया.
जूही चावला का कॅरियर
साल 1987 में जूही चावला पहली बार फिल्म “सल्तनत” में नजर आईं. हालांकि फिल्म सफल नहीं हुई. इसके बाद आई फिल्म “कयामत से कयामत तक” ने जूही चावला को प्रसिद्धि के शिखर पर पहुंचा दिया. इस फिल्म में उनके अभिनय की बहुत सराहना हुई और उन्हें पहली बार फिल्मफेयर में नामांकन मिला. इसके बाद 1990 में आई फिल्म “प्रतिबंध”. फिल्म सुपरहिट रही और एक बार फिर उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार के लिए फिल्मफेयर में नामांकित किया गया. इसके बाद उन्होंने स्वर्ग, आइना, लुटेरे और हम हैं राही प्यार के जैसी फिल्में की. फिल्म “हम है राही प्यार के” में उनके बेमिसाल अभिनय के लिए उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
1993 में आई फिल्म “डर” में जूही चावला ने बेमिसाल अभिनय किया. यह फिल्म वैसे तो शाहरुख की साइको एक्टिंग के लिए जानी जाती है पर शाहरुख की मौजूदगी के बाद भी जूही ने सबका ध्यानाकर्षित किया. हालांकि 1994 से 1996 तक उनकी अधिकतर फिल्में फ्लॉप रहीं पर इसी बीच आई फिल्म “दरार” एक सफल फिल्म जरूर रही. 1997 में उनकी कई हिट फिल्में आईं जिसमें अधिकतर में वह कॉमेडी किरदार में दिखीं. इस साल उनकी “यश बॉस”, “दीवाना मस्ताना” और “इश्क” जैसी फिल्में आईं.
साल 2000 के बाद जूही चावला की अधिकतर आर्ट फिल्में ही देखने को मिलीं जिनमें तीन दीवारें, साढ़े सात फेरे, झंकार बीट्स और माई ब्रदर निखिल मुख्य हैं. साथ ही वह सलामे-इश्क, बस एक पल, स्वामी, भूतनाथ और क्रेजी 4 जैसी फिल्मों में भी नजर आई हैं.
कॉमिक किरदार में हिट एंड फिट
जूही चावला की खिलखिलाहट ने दर्शकों का मन मोहा, तो जूही ने भी दर्शकों को खिलखिलाने की वजह दी. हम हैं राही प्यार के और इश्क में जूही की कॉमिक टाइमिंग उनके सहयोगी कलाकारों पर हावी रही.
आमिर और जूही की जोड़ी
आमिर खान के साथ उनकी जोड़ी हिंदी फिल्मों की सबसे अधिक पसंदीदा जोडि़यों में एक है. दोनों ने साथ कयामत से कयामत तक, हम हैं राही प्यार के और इश्क जैसी हिट फिल्में दी हैं. आमिर की ही तरह जूही और शाहरुख खान की भी फिल्मों ने भी बॉक्स ऑफिस पर सफलता पाई. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में शाहरुख के प्रारंभिक मित्रों में जूही का नाम शुमार होता है.
जूही का प्रोडक्शन हाउस
शाहरुख और अजीज मिर्जा के साथ मिलकर जूही ने ड्रीम्स अनलिमिटेड नाम की प्रोडक्शन कंपनी शुरू की. अपने बैनर तले बनी पहली फिल्म “फिर भी दिल है हिंदुस्तानी” में शाहरुख और जूही ने स्वयं अभिनय किया था. उनके बैनर की अन्य फिल्में अशोका और चलते चलते हैं.
जूही चावला की पर्सनल लाइफ
बिजनेस जय मेहता से विवाह के बाद जूही ने कुछ दिनों के लिए अभिनय से विराम लिया. आज उनके दो बच्चे हैं जिसमें एक बेटी जाह्नवी और एक बेटा अर्जुन है. हाल के दिनों में वह आईपीएल मैचों में शाहरुख खान की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स में भागीदार हैं.
जूही चावला ने अभिनय की दुनिया में साबित किया है कि बिना अंग प्रदर्शन किए भी सफल हुआ जा सकता है और कॉमेडी करना सिर्फ पुरुष ही नहीं महिलाओं को भी बेहतर ढंग से आता है.
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