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यह संसार संतुलन पर टिका है. अगर पृथ्वी हमें रहने के लिए स्थान प्रदान करती हैं तो नभ जीवन का अनमोल तत्व जल प्रदान करते हैं. संतुलन का यह नियम हमारे देवताओं पर भी लागू होता है. अगर भगवान विष्णु पालनकर्ता हैं तो भगवान शिव को लोग विनाश का देवता मानते हैं. सृष्टि के सृजन में यह संतुलन बेहद अहम है. धर्म-शास्त्रों में मान्यता रखने वाले लोगों का मानना है कि सृष्टि के इसी संतुलन को बनाए रखने में सबसे अहम योगदान है भगवान शिव का.
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Lord Shiva in Hindi – भगवान शिव
शिव ईश्वर का एक रूप हैं. हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार ब्रह्मा, विष्णु और महेश नामक त्रिदेव हैं, इनमें से महेश को ही भगवान शिव के नाम से जाना जाता है. भगवान शिव को यूं तो प्रलय का देवता और काफी गुस्से वाला देव माना जाता है. लेकिन जिस तरह से नारियल बाहर से बेहद सख्त और अंदर से बेहद कोमल होता है उसी तरह शिव शंकर भी प्रलय के देवता के साथ भोले नाथ भी है. वह थोड़ी सी भक्ति से भी बहुत खुश हो जाते हैं और यही वजह है कि शिव सुर और असुर दोनों के लिए समान रूप से पूज्यनीय हैं.
Name of Lord Shiva in Hindi – शिव का अर्थ
शिव का अर्थ है कल्याण, शिव सबका कल्याण करने वाले हैं. महाशिवरात्रि शिव की प्रिय तिथि है. शिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का महापर्व है. फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को शिवरात्रि पर्व मनाया जाता है. माना जाता है कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्यरात्रि भगवान शंकर का ब्रह्मा से रुद्र के रूप में अवतरण हुआ था.
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Maha Shivratri 2013- महाशिवरात्रि
भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए सोमवार का दिन अहम माना जाता है लेकिन भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए महाशिवरात्रि का दिन विशेष होता है. महाशिवरात्रि फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुदर्शी को मनाया जाता है. इस वर्ष शिवरात्रि 10 मार्च को है. महाशिवरात्रि संपूर्ण विश्व में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.
महाशिवरात्रि का महत्व: Importance of Maha Shivratri in Hindi
शिवपुराण में वर्णित है कि शिवजी के निष्कल (निराकार) स्वरूप का प्रतीक ‘लिंग’ इसी पावन तिथि की महानिशा में प्रकट होकर सर्वप्रथम ब्रह्मा और विष्णु के द्वारा पूजित हुआ था. इसी कारण यह तिथि ‘शिवरात्रि’ के नाम से विख्यात हो गई. यह दिन माता पार्वती और शिवजी के ब्याह की तिथि के रूप में भी पूजा जाता है.
माना जाता है जो भक्त शिवरात्रि को दिन-रात निराहार एवं जितेंद्रीय होकर अपनी पूर्ण शक्ति व सामर्थ्य द्वारा निश्चल भाव से शिवजी की यथोचित पूजा करता है, वह वर्ष पर्यंत शिव-पूजन करने का संपूर्ण फल मात्र शिवरात्रि को तत्काल प्राप्त कर लेता है.
भगवान शिव का महत्व: Importance of Lord Shiva in Hindi
कई लोग पूछते हैं कि भगवान शिव जब प्रलंयकारी हैं तो उनकी पूजा क्यूं होती है? इसका जवाब है खुद शिव. अगर धर्म-शास्त्रों की बातों को सही मानें तो यह सिद्ध होता है कि जब-जब सृष्टि पर विनाशलीला हुई है तब-तब भगवान शिव ने अपने तेज से इसे बचाया है. समुद्र मंथन के समय निकले अमृत को ग्रहण करने लिए तो सभी देवताओं में होड़ लगी थी लेकिन जब समुद्र मंथन से विष बाहर आया तब भगवान शिव ही वह देवता थे जिन्होंने विष को ग्रहण कर सृष्टि को हलाहल से बचाया.
धर्म-शास्त्रों में हर देवता की पूजा करने के बड़े-बड़े विधान और उनके लिए 56 भोगों की व्यवस्था की गई है लेकिन अगर आप भगवान शिव की पूजा के बारे में शोध करेंगे तो पाएंगे कि भगवान शिव तो मात्र बेल-पत्र और जल से ही खुश हो जाते हैं. जंगल में मिलने वाले विषैले और नशीले धतूरे और बेहद सुगम प्राप्त होने वाले बेर से ही भगवान शिव प्रसन्न होकर अपने भक्तों को वरदान और खुशी देते हैं.
Lord Shiva in Hindi : भगवान शिव – एक संपूर्ण देव
भगवान शिव को एक संपूर्ण देवता माना जाता है. सांसारिक इच्छाओं और परेशानियों को एक साथ लेकर चलते हुए उन्होंने अपनी गृहस्थी भी बसाई. एक आदर्श इंसान को किस तरह समाज के साथ अपने परिवार को लेकर चलना चाहिए यह शिव के जीवन चरित्र से सीखने को मिलता है. नर, मुनि और असुरों के साथ बारात लेकर शिव माता पार्वती से विवाह के लिए गए थे. शिव की नजर में अच्छे और बुरे दोनों ही तरह के लोगों का समान स्थान है. वह उनसे भी प्रेम करते हैं जिन्हें यह समाज ठुकरा देता है. शिवरात्रि को भगवान शिव पर जो बेल और भांग चढ़ाई जाती है यह शिव की एकसम भावना को ही प्रदर्शित करती है. शिव का यह संदेश है कि मैं उनके साथ भी हूं जो सभ्य समाजों द्वारा त्याग दिए जाते हैं. जो मुझे समर्पित हो जाता है, मैं उसका हो जाता हूं. उपरोक्त सभी बातें यह दर्शाती हैं कि भगवान शिव की नजर में सभी प्राणी एक हैं.
कई बौद्धिक ज्ञानी मानते हैं कि भगवान शिव को सिर्फ भगवान मान पूजने से उनकी भक्ति पूरी नहीं होती बल्कि उनके आदर्शों और नियमों को जीवन में उतारने से ही शिव की पूजा पूरी होती है. समाज के कल्याण के लिए जहर पाने के लिए भी तैयार रहना, जितने है उतने में खुश रहना, किसी को छोटा-बड़ा ना मानना यही भगवान शिव के आदर्श और मूल्य हैं. आशा करते हैं शिवरात्रि के इस पावन अवसर पर श्रद्धालु और भक्तगण सिर्फ भगवान शिव की पूजा ही ना करें बल्कि उनके चरित्र और कर्मों का ध्यान करें और जीवन में उन्हें उतारने का प्रयास करें.
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