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अपने जीवन के आखिरी दिनों में भी उनकी जादुई अंगुलियां पेंटिंग के कैनवास पर थिरकती रही. चर्चा हो रही है महान चित्रकार मकबूल फिदा हुसैन.
हुसैन बड़े ही दिलचस्प इंसान थे. उनकी एक-एक पेंटिंग भले ही करोड़ों में बिकती रही हो लेकिन अकूत संपदा का यह स्वामी अपने ड्राइंग रूम में जमीन पर बिछे एक साधारण से गद्दे पर सोता था और नंगे पैरों से अकेले ही दुनिया भर की यात्रा किया करता था. उनके परिवार के सदस्य कहते हैं हुसैन साहब जब घर पर होते थे तो उन्हें सांस लेने का भी वक्त नहीं होता था. हुसैन का दिन सुबह सात बजे शुरू होता था और इसकी समाप्ति कब होती थी यह हुसैन की कल्पनिक शक्तियों पर निर्भर करता था.
मकबूल फिदा हुसैन जीवन को अपने ही हिसाब से जीता करते थे. दुनिया क्या कह रही वह इसकी बिलकुल ही परवाह नहीं करते थे. शायद इसी वजह से ही वह अपनी काल्पनिक शक्तियों को एक नई उंचाई दे पाते थे. लेकिन उनकी इसी सोच ने समाज के एक हिस्से को काफी ठेस पहुंचया था. जिसकी वजह से उन्हें देश छोड़कर जाना भी पड़ा.
1990 में पहली बार उन पर हिंदू देवी देवताओं के अश्लील और नग्न पेंटिंग बनाने का मामला सामने आया. हालांकि यह चित्र 1970 में बनाए गए थे पर 1996 में “विचार मीमांसा”( Vichar Mimansa) नामक एक मासिक पत्रिका द्वारा एम.एफ.हुसैन के ऊपर लगाए लगे आरोपों के बाद से मामला ज्यादा गर्मा गया. इस वजह से एम.एफ. हुसैन पर 18 मामले भी दर्ज हुए. हालांकि साल 2004 में एम.एफ. हुसैन को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत मिल गई.
लेकिन साल 2006 में एक अन्य मामले में उन्हें हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने का दोषी पाया गया. 2006 में इंडिया टुडे की मैगजीन के कवर पेज पर भारत माता की नग्न तस्वीर की वजह से एम.एफ.हुसैन की काफी आलोचना हुई. इस फोटो में एक युवती को भारत माता का प्रतिबिंब दर्शाया गया था जो नग्न थी और भारत के मानचित्र पर लेटी हुई थी.
साल 2006 में भारी विद्रोह और जान से मारने की धमकियों की वजह से वह देश के बाहर ही रहे. साल 2010 में कतर ने उन्हें अपने देश की नागरिकता प्रदान की.
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