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यह फिल्मी दुनिया है, यहां हर कोई स्टार नहीं होता. अगर किसी को स्टार बनना है तो उसे इस तड़कती-भड़कती दुनिया में खुद को वर्षों तक तपाना पड़ेगा. उपरोक्त वाक्य पढ़कर आपको लग रहा होगा कि यह किसी फिल्म का कोई प्रसिद्ध डायलॉग है, लेकिन ऐसा नहीं है यह हर उस व्यक्ति की कहानी है जो मुंबई जाकर स्टार बनने का सपना देखता है. लेकिन खूबसूरत औए दिलकश अदाकारा दिव्या भारती के साथ ऐसा नहीं है. मात्र 19 साल तक की उम्र में दिव्या भारती बॉलीवुड की ऐसी स्टार अभिनेत्री बनीं जिसका ख्वाब अभिनेत्रियां वर्षों तक देखती हैं, लेकिन कुछ को छोड़कर बाकी सभी के हाथ निराशा ही लगती है.
जब तक दिव्या भारती जिंदा थीं (मृत्यु – 5 अप्रैल 1993) शायद ही कोई होगा जो उन्हें असल जिंदगी और पर्दे पर देखकर दीवाना ना हुआ हो. उनकी खूबसूरती और चेहरे पर भोलापन लोगों को उनकी ओर खींच जाने पर मजबूर करती थी. उनकी छोटी सी जिंदगी जितनी ही खूबसूरत थी उतनी ही रोमांच और रहस्य से भरी हुई थी.
वैसे तो उनकी लाइफ में बहुत सारे किस्से जुड़े हुए हैं, लेकिन हम आपको पांच ऐसे मिथ बताने वाले हैं जिनकी वास्तविक कहानी ही बिलकुल अलग है.
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मिथ:सन्नी देओल के साथ अपने कॅरियर की शुरुआत की.
रियलिटी: दिव्या भारतीय जब स्कूल में थीं तभी से फिल्मों के लिए ऑफर आ रहे थे. नवीं क्लास में उन्होंने स्कूल को छोड़ दिया, ताकि वह फिल्मों में काम कर सकें. शुरुआत में बॉलीवुड निर्माता उन्हें अपनी फिल्म में लेने के लिए दिव्या के माता-पिता से आग्रह करते थे, लेकिन किसी कारणवश उन्हें अपनी फिल्म में नहीं ले पाते थे. आखिरकार उन्हें साउथ की फिल्म बोब्बिलि राजा में तेलगू सुपरस्टार वेंकटेश के साथ काम करने का मौका मिला. यह फिल्म सुपर हिट रही. इसके बाद उन्होंने कई तेलुगू फिल्मों में काम किया.
मिथ: बॉलीवुड में अपने कॅरियर की शुरुआत बड़े हिट से की.
रियलिटी: बॉलीवुड में दिव्या भारती शुरुआती दौर में एक फ्लॉप अभिनेत्री थीं. उनकी पहली हिंदी फिल्म विश्वात्मा में उनकी भूमिका औसत ही रही, लेकिन इस फिल्म के माध्यम से उन्होंने सबका ध्यान अपनी ओर जरूर खींच लिया. एक सफलतम बॉलीवुड अभिनेत्री को लेकर दिव्या बहुत ही आशावादी रहीं. उनकी पहली सफलतम फिल्म अभिनेता गोविंदा के साथ ‘शोला और शबनम’ थी.
मिथ:अंतिम दिनों में उनकी कई फिल्में जो उनकी मौत की वजह से अधूरी रह गई थीं, फिर कभी रिलीज नहीं हो सकीं.
रियलिटी: मरने से पहले दिव्या भारती ने कुछ फिल्में साइन कर रखी थीं. बाद में इन्हें दूसरी अभिनेत्रियों ने पूरा किया और ये हिट भी रहीं. इन फिल्मों में मोहरा, विजयपथ और लाडला शामिल थीं. फिल्म लाडला में तो उन्होंने आधे से ज्यादा काम किया था लेकिन अचानक मौत की वजह से श्रीदेवी को यह रोल निभाना पड़ा. नीचे दिए गए वीडियो में उनके रोल को आप देख सकते हैं.
मिथ: मरने के समय अपने अपार्टमेंट में अकेले थीं.
रियलिटी: मरने से एक दिन पहले उन्होंने अपनी हैदराबाद की ट्रिप को कैंसल किया था. तब वह बहुत ही खुश थीं क्योंकि बांद्रा वेस्ट में अपने माता-पिता के लिए उन्होंने एक फ्लैट खरीदा था. उनकी मौत से एक घंटे पहले तक उनके साथ उनकी सबसे करीबी दोस्त नीता लुल्ला थीं. उसी कमरे में नीता के पति श्याम लुल्ला और नौकरानी अमृता भी थे. सभी ने अंधेरी पुलिस स्टेशन में प्रत्यक्षदर्शी के रूप में उनकी मौत को अप्राकृतिक बताया. आज यह केस पूरी तरह से बंद हो चुका है.
मिथ: भारी हताशा और निराशा की वजह से दिव्या भारती ड्रग्स भी लेती थीं.
रियलिटी: दिव्या भारती का स्वभाव खुशमिजाज महिला का था. उन्हें किसी ने उदास होते नहीं देखा. पुलिस को कोई ऐसा प्रमाण नहीं मिला कि वह मरने से पहले काफी उदास थीं. उनके माता-पिता और दोस्त इस बात को स्पष्ट करते हैं.
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