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Onam 2012: ओणम की कहानी

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HOW TO CELEBRATE ONAM

ओणम की कहानी: Story of Onam

भारत में अधिकतर हर त्यौहार को किसी ना किसी धार्मिक नजरिए से जोड़ कर देखा जाता है. यहां हर त्यौहार की एक धार्मिक कहानी होती है और कहीं ना कहीं यही वह वजह है कि भारत में आज भी प्राचीन त्यौहारों को हर्षोल्लास के साथ मनाए जाने का रिवाज जारी है. भारत के ऐसे ही त्यौहारों में से एक है ओणम.


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Onam in Kerala: केरल का अहम त्यौहार ओणम

ओणम केरल का एक बेहद अहम त्यौहार है. यह पूरे केरल में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है और सिर्फ केरल ही नहीं इसकी धूम भारत के हर कोने में दिखाई देती है. दस दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार में फूलों के मनमोहक रंगों और खूशबू से वातावरण सुगंधित और रंगीन हो उठता है. ओणम बेहद सुन्दर त्यौहार तो है ही साथ ही इस त्यौहार से जुड़ी कहानी भी बेहद दिलचस्प है.


Vaman Avtar ओणम की कहानी: Story of Onam

ओणम की कहानी भगवान विष्णु और उनके वामन अवतार से जुड़ी है.  प्राचीन मान्यताओं और मिथकों के अनुसार केरल में एक महाप्रतापी राजा हुआ करते था जिसका नाम था राक्षस नरेश बलि. वह विष्णु भगवान के परम भक्त प्रह्लाद का पौत्र था. बलि उदार शासक और महापराक्रमी था लेकिन राक्षसी प्रवृत्ति के कारण बलि ने देवदाओं के राज्य को बलपूर्वक छीन लिया था. राजा बलि ने देवताओं को कष्ट में डाल दिया. जब बलि से देवतागण बुरी तरह परेशान हो गए उन्होंने भगवान विष्णु से सहायता करने का आग्रह किया.


देवताओं की प्रार्थना सुनकर भगवान श्री विष्णु ने वामन अवतार लिया और महर्षि कश्यप व उनकी पत्नी अदिति के घर जन्म लिया. एक दिन वामन बलि की सभा में पहुंचे. महा बलि ने श्रद्धा से वामन जी का स्वागत किया और जो चाहे मांगने को कहा.


वामन ने राजा से दान में तीन पग भूमि मांग ली. उदार महा बलि ने यह स्वीकार कर लिया. किन्तु जैसे ही महाबलि ने यह भेंट श्री वामन को दी, वामन का आकार एकाएक बढ़ता ही चला गया. वामन ने तब एक कदम से पूरी पृथ्वी को ही नाप डाला तथा दूसरे कदम से आकाश को. अब तीसरा कदम तो रखने को स्थान बचा ही नहीं था. तब राजा बलि ने अपना सिर झुका दिया. वामन भगवान ने पैर रखकर राजा को पाताल भेज दिया. चूंकि बलि की प्रजा उससे बहुत ही स्नेह रखती थी, इसीलिए श्रीविष्णु ने बलि को वरदान दिया कि वह अपनी प्रजा को वर्ष में एक बार अवश्य मिल सकेगा. अतः जिस दिन महा बलि केरल आते हैं, वही दिन ओणम के रूप में मनाया जाता है. इस त्यौहार को केरल के सभी धर्मों के लोग मनाते हैं.


Food on Onam: ओणम के दिन खान-पान

इस दिन केले के व्यंजन बनाये जाते हैं. केले के नमकीन और मीठे चिप्स, चने की दाल खीर, अड़ा (चावल) की खीर इस दिन का खास व्यंजन होता है. केले के पत्ते पर भोजन किया जाता है.


केरल को देवताओं का राज्य कहा जाता है. यहां के मंदिरों की भव्यता देख इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि ऐसा क्यूं है.

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सभी पाठकों को ओणम की हार्दिक बधाई.


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