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Onam in 2012
केरल भारत का एक ऐसा राज्य है जो साक्षरता के लिहाज से सबसे ऊपर आता है. इस राज्य को लोग “देवताओं का राज्य” भी कहते हैं. 90 प्रतिशत से ज्यादा साक्षरता होने के बाद भी यहां लोगों में धर्म के प्रति स्नेह और विश्वास एक अनूठी मिसाल है. केरल राज्य के प्राकृतिक सौन्दर्य में चार चांद लगाते हैं यहां के त्यौहार. केरल का एक ऐसा ही पर्व है ओणम (Story of Onam).
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Onam in 2012
इस साल ओणम 29 अगस्त को है.
श्रावण मास की शुक्ल त्रयोदशी को मनाए जाने वाले इस त्यौहार को “तिरु–ओणम” भी कहा जाता है. श्रावण के महीने में ऐसे तो भारत के हर भाग में हरियाली चारों ओर दिखाई पड़ती है किन्तु केरल में इस महीने में मौसम बहुत ही सुहावना हो जाता है. फसल पकने की खुशी में लोगों के मन में एक नई उमंग, नई आशा और नया विश्वास जागृत होता है. इसी प्रसन्नता में श्रावण देवता और फूलों की देवी का पूजन हर घर में होता है.
Onam : Festival of Colours –फूलों और रंगों से सजता केरल
ओणम को लोग रंगों का त्यौहार भी कहते हैं. यह पर्व बहुत कुछ हिन्दुओं के दशहरे की तरह ही होता है जो दस दिन तक मनाया जाता है. दशहरे में दस दिन पहले राम लीलाओं का आयोजन होता है और ओणम से दस दिन पहले घरों को फूलों से सजाने का कार्यक्रम चलता है.
इस त्यौहार में पहले नौ दिन तो घरों को फूलों और रंगोली से सजाया जाता है फिर दसवें दिन यानि त्रयोदशी के दिन ओणम का मुख्य त्योहार मनाया जाता है. इस दिन हर घर में भगवान विष्णु की मूर्ति बनाई जाती है, उनकी पूजा की जाती है तथा परिवार की महिलाएं इसके इर्द-गिर्द नाचती हुई तालियां बजाती हैं. इस नृत्य को थप्पतिकलि(Tappatikkali Dance) कहते हैं.
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इस दिन घर के सभी सदस्य सुबह सवेरे उठ कर स्नान कर लेते हैं और घर के बुजुर्ग सबको नए–नए कपड़े पहनने के लिए देते हैं. इस दिन एक विशेष प्रकार का पकवान “वल्लसन” जो केले से बनता है वह बनाया जाता है और उसे वामन भगवान, विष्णु भगवान आदि देवताओं पर चढ़ाकर प्रसाद स्वरूप खाया जाता है.
Boat Race in Onam: नौका दौड़
ओणम को लोग विशेषकर इसकी नौका रेस के लिए जानते हैं. यह इसका सबसे महत्वपूर्ण पक्ष है. नौका दौड़ को वल्लमुकलि कहते हैं. इस दौड़ में बड़ी-बड़ी लम्बी नौकाएं होती हैं और इन्हें चलाने वाले भी 20 से 40 तक व्यक्ति होते हैं.
ओणम केरलवासियों के जीवन के सौंन्दर्य को सहर्ष अंगीकार करने का प्रतीक है. इस त्यौहार में केरल का हर रंग उभर कर सामने आता है. फूलों और फलों की मोहक खूशबू, रंगों की अनोखी छटा और नौका की दौड़ जिंदगी के विभिन्न रंगों से हमें परिचित कराते हैं.
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