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इश्क कहीं का नहीं छोड़ता. अगर इश्क नाम का रोग दिल पर लग जाए तो वह जग को हमसे अलग कर देता है. इश्क की आग में ना जाने कितने फना हुए और कितने मिट गए लेकिन जिन्हें इश्क की शह मिली उनकी जिंदगी आबाद हो गई. इश्क की ही मेहरबानी है कि शर्मिला टैगोर जैसी फिल्मी दुनिया की रानी पटौदी खानदान की बेगम बनी.
शर्मिला टैगोर और नवाब पटौदी की प्रेम कहानी
जिस समय नवाब पटौदी और शर्मिला टैगोर ने शादी की थी उस समय किसी ने सोचा भी नहीं था कि यह शादी इतने दिनों तक चलेगी. शर्मिला टैगोर कलकत्ता के एक घराने की खुले दिमाग की युवती थीं. फिल्मों में अपने बोल्ड दृश्यों के लिए मशहूर शर्मिला को शर्मीले नवाब पटौदी से इश्क हुआ और दोनों ने अपने इश्क को परवान भी चढ़ाया.
कई लोग मानते हैं कि नवाब पटौदी ने ही शर्मिला टैगोर के हुस्न पर फिदा होकर उनसे प्यार का प्रस्ताव रखा होगा लेकिन सच तो यह है कि दोनों के प्यार ने नहीं क्रिकेट ने अपना खेल दिखाया था. नवाब पटौदी को प्यार से लोग टाइगर कहते थे. दोनों की मुलाकात एक पार्टी में हुई. पहली मुलाकात में शर्मिला टैगोर को पता चला कि टाइगर पटौदी को फिल्मों का शौक नहीं है लेकिन शर्मिला की दिलकश मुस्कुराहट ने टाइगर पटौदी का दिल जीत लिया. धीरे-धीरे दोनों की मुलाकातें होती गईं और कुछ ही दिनों में विश्व विख्यात क्रिकेट खिलाड़ी नवाब मंसूर अली खान शर्मिला के हाथों कैच आउट हो गए. धीरे-धीरे यह अफवाहें उठने लगीं कि आज नहीं तो कल दोनों एक दूजे के हो जाएंगे और फिर दिन आया सगाई का. लेकिन सगाई के बाद आई वह फिल्म जो दोनों के रिश्तों की नींव तय करने वाली थी.
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सगाई हो जाने के बाद जब ऐन इवनिंगइन पेरिस की पब्लिसिटी बाजार में आई और लोगों ने शर्मिला को बिकनी में देखा, तब कई लोगों को यह यकीन हो गया कि अब शर्मिला-नवाब की सगाई टूट जाएगी. नवाब का खानदान अपनी बेगम को इस तरह जिस्म की नुमाइश करते नहीं देख पाएगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. शर्मिला और टाइगर का प्यार इतना मजबूत साबित हुआ कि इसके टूट जाने की भविष्यवाणी करने वाले अंतत: गलत साबित हुए. दोनों की 1968 के दिसंबर में शादी हुई. नवाब मंसूर अली खान पटौदी और शर्मिला टैगोर की जोड़ी को बॉलिवुड की एक आकर्षक और आदर्श जोड़ी माना जाता है. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान नवाब पटौदी से विवाह के बाद शर्मिला टैगोर ने अपना नाम आयशा सुलतान रख लिया था.
शर्मिला टैगोर का जीवन
शर्मिला टैगोर भारतीय फिल्मों की सशक्त अभिनेत्री रही हैं. शर्मिला टैगोर का जन्म हैदराबाद, आंध्र प्रदेश में एक हिंदू बंगाली परिवार में हुआ था. उनके पिताजी गितेन्द्रनाथ टैगोर टैगोर एल्गिन मिल्स के ब्रिटिश इंडिया कंपनी के महाप्रबंधक थे. वर्ष 1959 में सत्यजीत रे की ‘अपुर संसार’ से अपने फिल्मी कॅरियर की शुरुआत करने वाली शर्मिला ने 60 के दशक में ही बिकनी पहन कर लोगों को चौंका दिया था. आज भले ही बिकिनी और स्विम सूट पहनकर अभिनेत्रियां दर्शकों को लुभाने में कामयाब हो रही हैं लेकिन इसकी शुरुआत शर्मिला टैगोर ने ही की थी. 60 के दशक में बिकिनी पहन इन्होंने सनसनी फैला दी थी.
हालांकि यह भी एक कटु सच है कि उस समय बिकनी पहनने वाली इस अदाकारा ने सेंसर बोर्ड के चेयर पर्सन पद पर आने के बाद फिल्मों में हीरोइनों के अधिक अंग प्रदर्शन पर काफी हल्ला मचाया.
शर्मिला टैगोर ने जिन बेहद सफल फिल्मों में काम किया उनमें प्रमुख थी आराधना जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ट अभिनेत्री का अवार्ड मिला और मासूस जिसके लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
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शर्मिला टैगोर और राजेश खन्ना की जोड़ी
राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर की जोड़ी को बॉलिवुड की सफलतम जोड़ियों में से एक माना जाता है. दोनों ने 6 सुपरहिट फिल्मों में काम किया जिनके नाम हैं आराधना, सफर, अमर प्रेम, छोटी बहू, दाग और आविष्कार.
आज शर्मिला टैगोर फिल्मों से तो दूर हैं लेकिन सामाजिक कार्यों में अकसर चर्चा बटोरती हैं. नवाब मंसूर अली पटौदी के जाने के बाद उन्होंने अपने परिवार को बेहतरीन ढंग से संभाला. हाल ही में हुई सैफ और करीना की शादी के दौरान शर्मिला बेहद खुश नजर आईं. उम्मीद है इनकी यह खुशी यूं ही बरकरार रहेगी.
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