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ताजमहल मात्र भारत की एक प्राचीन इमारत ही नहीं बल्कि हमारी संस्कृति का एक हिस्सा है. ताजमहल आन है भारत की, पहचान है भारतीय वास्तुकला की विश्व पटल पर. ताजमहल की खूबसूरती वक्त के साथ कम होने की बजाय बढ़ी है. आज ताजमहल भारतीयों को ही नहीं विश्व के लाखों पर्यटकों को अपनी तरफ खींचता है. ताजमहल के दीदार को और भी खूबसूरत बनाने के लिए ही भारतीय पर्यटन विभाग ने ताज महोत्सव की शुरुआत की है.
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क्या है ताज महोत्सव ?
ताज महोत्सव उत्तर प्रदेश का सर्वाधिक लोकप्रिय राजकीय पर्व है. ताज महोत्सव की शुरुआत 1992 में की गई थी. दरअसल वसंत ऋतु आते ही ताज नगरी आगरा में सारे रंग बिखर जाते हैं और इसकी छटा अद्भुत और अलौकिक लगती है. इसी दौरान यहां सैलानियों की एक बड़ी संख्या ताज के दीदार के लिए आती है. ऐसे में ताज महोत्सव वह सभी सुविधाएं और अवसर प्रदान कराता है जो एक सैलानी ढूंढ़ता है. मसलन आगरा की परंपरा, विरासत के नमूने से लेकर लखनऊ के ठाठ बनारसी स्वाद तक सभी एक ही छत के नीचे आपको प्राप्त कराता है ताज महोत्सव. महोत्सव ताजमहल के ठीक निकट शिल्पग्राम में होता है. इस साल ताज महोत्सव की थीम है “ताज महोत्सव: जश्ने-ए-विरासत”.
ताज महोत्सव अमूमन 18 फरवरी से लेकर 28 फरवरी तक मनाया जाता है लेकिन इस साल इसकी तैयारियों में आई कमी के कारण इसे एक दिन देरी से मनाने का निर्णय लिया गया.
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ताज महोत्सव का आयोजन
भारतीय पर्यटन विभाग द्वारा हर साल इस उत्सव का आयोजन किया जाता है. इस उत्सव में बड़ी संख्या में सैलानी और भारतीय पर्यटक घूमने आते हैं. इस उत्सव का एक अहम मकसद स्थानीय शिल्पकारों को अपने हुनर का प्रदर्शन करने हेतु एक मंच प्रदान कराना भी है. यहां आपको कई कलाकृतियां एवम अन्य सामान बेहद रियायती दामों पर मिल सकते हैं.
10 दिनों तक चलने वाला यह उत्सव आपको भारत की संस्कृति के अहम हिस्से से मिलवाता है. ताजमहल की सुंदरता में इस उत्सव से चार चांद लग जाते हैं. यहां आपको आगरा के संगमरमर का, सहारनपुर के लकड़ी का, मुरादाबाद के पीतल का, भदोही के कालीनों का, खुर्जा के मिट्टी का, लखनऊ के चिकन का, बनारस के सिल्क का.. काम देखने को मिलेगा. उत्तर प्रदेश के हर इलाके के खास पकवान चखने को मिलेंगे. लोकनृत्य का भी भरपूर आयोजन होता है. यहां आप नौटंकी भी देख सकेंगे, राजस्थान का सपेरा नृत्य भी और महाराष्ट्र की लावणी भी.. ठीक ठेठ उसी अंदाज में जैसे सदियों से होते चले आए हैं.
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ताजमहल की है अलग बात
वैलेंटाइन डे को बीते अभी चंद दिन ही हुए हैं ऐसे में ताजमहल जैसे प्रेम की मिसाल को देखने के लिए इससे बेहतर समय नहीं हो सकता है. ताजमहल का निर्माण शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में करवाया था. ताजमहल को वास्तु और भवन निर्माण कला का अनुपम नमूना माना जाता है. प्यार की वास्तविक गहराइयों को समझने वाले ताजमहल के दीदार को उसी रूप में लेते हैं जिस तरह एक हिन्दू धर्म को मानने वाले के लिए चार धाम और एक मुसलमान के लिए हज यात्रा. ताजमहल मात्र एक इमारत नहीं भारत का गौरव है. इसकी खूबसूरती से दूर रह पाना किसी के लिए भी मुश्किल है और सिर्फ ताजमहल ही नहीं आगरा अपनी कई अन्य इमारतों के लिए भी प्रसिद्ध है.
भारत के इतिहास में आगरा और ताजमहल की एक खास जगह है. उसे महसूस करने का इससे बेहतर मौका और कोई नहीं हो सकता. तो दो पल जिंदगी के निकालिए और कर आइए धरती पर बसे इस चांद का दीदार.
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