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वर्ष 2010 बीत चुका है, लेकिन यह साल अपने साथ राजनीति के गलियारों में कई खट्टी-मीठी यादें दे गया. अगर 2010 को हम घोटालों का साल कहें तो बिलकुल भी गलत नहीं होगा. पहले कॉमनवेल्थ गेम्स पर घोटालों का साया फिर 2 जी घोटाला और न जानें कितने ही अन्य छोटे-मोटे घोटाले तो होते ही रहे. बिहार में राजनीति का नया सवेरा हुआ तो तेलंगाना के लिए आंध्र प्रदेश में न जाने कितनों को दिन के उजाले में रात का अंधेरा देखना पड़ा. सालों से लटका हुआ विवादित बाबरी मस्जिद केस का निर्णय आया तो दिल दहला देने वाला मेंगलूरु विमान हादसा हुआ.
आइए जानें कुछ ऐसे ही राजनीतिक मुद्दों को जिसने 2010 में नेताओं और जनता को प्रभावित किया साथ ही कुछेक घटनाएं जो सबसे ज्यादा चर्चित रहीं.
2010 की टॉप 10 घटनाएं
1. अयोध्या पर फैसला : 30 सितंबर 2010 की तारीख अयोध्या के लिहाज से बेहद ऐतिहासिक साबित हुई. सालों से रुका यह फैसला कई मायनों में ऐतिहासिक रहा. इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने अयोध्या में विवादित भूमि के मालिकाना हक के मामले में ऐतिहासिक फैसला देते हुए कहा कि विवादित जमीन से रामलला की प्रतिमा नहीं हटेगी.
इसके साथ ही कोर्ट ने जमीन को तीन हिस्सों में सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला पक्ष को बराबर बांटने के निर्देश दिए. फैसले में साफ कहा गया कि जहां भगवान राम का अस्थायी मंदिर है उस पर हिंदुओं का हक होगा.
2. भ्रष्टाचार की कहानी कहता कॉमनवेल्थ गेम्स :राष्ट्रमंडल खेलों में सबसे बड़े खुलासों ने मानों कॉमनवेल्थ गेम्स के नाम से कॉमन आदमी का विश्वास ही हटा दिया. खेलों में पानी की तरह पैसा बहाया गया तो वहीं उसमें होने वाले घोटालों से सरकार तक ने मना नहीं किया. आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी और उनके सहयोगियों पर आयोजन में घपले-घोटाले के आरोप लगे.
तमाम आरोपों के बीच हमारे देश के खिलाडियों ने अब तक का सर्वोत्तम प्रदर्शन करते हुए पदक तालिका में दूसरा स्थान हासिल किया.
3. बिहार में नीतीश कुमार की भारी जीत :तीन चौथाई से ज्यादा सीटों पर विजय पाकर बिहार की गद्दी पर बैठने वाले नीतीश कुमार ने साबित कर दिया कि कैसे विकास की रुकी हुई गाड़ी को धक्का लगाया जाता है. लगातार दो बार चुनावों में जीत हासिल कर उन्होंने बिहार की आवाज को सामने ला दिया जो अब सिर्फ विकास और सुशासन की चाह रखती है.
4. नक्सली हमलों से लहूलुहान हुआ देश :साल के मध्य में लाल आंतक से देश के कई हिस्से रक्त से लाल हो गए. अप्रैल में नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया और दंतेवाड़ा में मुकराना के घने जंगलों में नक्सलियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के गश्ती दल पर हमला करके 75 सुरक्षाकर्मियों को मार गिराया. उनके आंतक से कई दिनों तक रेलवे की सेवाओं पर गहरा असर पड़ा और हालात को काबू करने के लिए गृहमंत्री पी चिंदबरम को कई बार जनता के सामने अपनी नाकामी माननी पड़ी.
5. आग के हवाले हुआ धरती का स्वर्ग, कश्मीर में पत्थरबाजी :कभी धरती पर स्वर्ग की उपमा पाने वाला कश्मीर इस साल आग की तरह जलता रहा. अलगाववादियों और कुछ देशद्रोहियों द्वारा लगाई गई आग ने वहां की अवाम को इस कदर पागल बना दिया कि वह अपने और परायों में अंतर ही नहीं कर पाए. लेकिन हाथों में पत्थर लिए लोगों का सच जब सबके सामने आया तो सबके अंदर की आग और बढ़ गई.
कश्मीर में इस साल गर्मियों में पैदा हुई अशांति के सिलसिले में पुलिस ने सरकारी कर्मचारियों, हुर्रियत नेताओं और आतंकवादियों की मिलीभगत का खुलासा किया जिससे साबित हो गया कि किस तरह अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए स्वर्ग को दांव पर लगा दिया गया.
6. शिवसेना और ठाकरे परिवार ने शुरुआत में ही दिखाई दबंगई : हमेशा से ही मुबंई में मराठियों के तथाकथित मसीहा बने शिवसेना और ठाकरे परिवार ने इस साल भी अपनी आदतों से कई शर्मशार कांड किए जिसकी गूंज देश के हर प्रांत में उठी. कभी आईपीएल 4 में पाकिस्तानी खिलाडियों को लेकर तो कभी शाहरुख की फिल्म माय नेम इज खान पर हर जगह ठाकरे परिवार जहर उगलता रहा.
7. मेंगलुरु में एयर इंडिया का प्लेन क्रैश, 158 मरे : इस दशक का सबसे भयानक हादसा तब हुआ जब दुबई से मेंगलुरु आ रहा एयर इंडिया का एक प्लेन मेंगलुरु के बाजपे एयरपोर्ट पर लैंडिंग के वक्त रनवे से फिसलकर खाई में गिर गया. चारों तरफ मौत का ऐसा मंजर फैला था जिसे हर किसी की आह निकल जाए.
इस विमान में कुल 166 लोग सवार थे जिसमें से 158 को मौत अपने साथ ले गई. यह दिल दहला देने वाला हादसा तब हुआ जब लैंडिंग के वक्त पायलट टचडाउन पॉइंट को मिस कर गया. प्लेन रनवे पर कुछ आगे जाकर लैंड हुआ. इस दौरान उसका टायर फट गया और उसके लेफ्ट विंग में आग लग गई. पायलट प्लेन पर कंट्रोल खो बैठा. प्लेन सीधे रनवे की फेंसिंग तोड़ते हुए खाई में जा गिरा. प्लेन के परखच्चे उड़ गए और उसमें आग लग गई.
8. आदर्श घोटाले में गई मुख्यमंत्री की कुर्सी : चले थे मकान सुनिश्चित करने लेकिन क्या पता था मकान के चक्कर में कुर्सी भी चली जाएगी. साउथ मुंबई के पॉश एरिया में बनी आदर्श सोसायटी मुंबई में रियल एस्टेट में घुसे बेइंतहा भ्रष्टाचार का आदर्श उदाहरण बन कर सामने आया. आदर्श सोसायटी बनाने में निर्माण एवं जमीन आवंटन के मामले में बेधड़क कानून का उल्लंघन हुआ और वह सब हुआ मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के रहते.
9. ओबामा की भारत यात्रा : इस साल यूं तो कई देशों के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपतियों ने भारत दौरा किया लेकिन नवंबर में की गई अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा की भारत यात्रा सबसे अधिक चर्चा में रही. मंदी से जूझते अपने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और अपने हथियारों और परमाणु सामग्री के लिए बाज़ार की तलाश में आए ओबामा ने भारत को दुनिया की एक ताकत बताते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्य बनाए जाने की वकालत की. लेकिन उनकी यह राजनीतिक यात्रा एक बिजनेस यात्रा ज्यादा लगी.
10. 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले की आग: साल का सर्वाधिक चर्चित घोटाला जिसने संसद की पूरी कार्यवाही ठप कर हंगामा और सनसनी को तेज कर दिया. टेलीकॉम मंत्री नपे साथ ही कइयों पर गिरी गाज.
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