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उदित नारायण: मखमली और नर्म आवाज का बादशाह

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संगीत के लिहाज से सत्तर और अस्सी के दशक को मोहम्मद रफी और किशोर कुमार का दशक माना जाता है लेकिन जब बात नब्बे के दशक की जाती है तो वहां कुमार शानू के अलावा एक नाम और जहन में आता है उदित नारायण.

गायकी में मखमली और नर्म आवाजें ही भारत की पहली पसंद रही हैं, उसमे चाहे वे रफी और किशोर हों या फिर अपने जमाने के बेहतरीन पार्श्व गायक उदित नारायण.


udit narayanउदित नारायण की प्रोफाइल

उदित नारायण का जन्म 01 दिसंबर,1955 को बिहार के सुपौल जिले के बसई गांव में हुआ था. हालांकि कुछ लोग उनका जन्म नेपाल में बताते हैं जिसका उदित नारायण हमेशा से खंडन करते रहे हैं. उदित नारायण का पूरा नाम उदित नारायण झा है. उनके पिता का नाम हरे किशना झा और मां का नाम भुवनेश्वरी झा था. उदित नारायण की स्कूली शिक्षा पी.बी. स्कूल, राजबिराज से पूरी हुई जो नेपाल में स्थित है. इसके बाद उन्होंने रेडियो नेपाल में मैथिली और नेपाली लोक गाने गाकर अपने कॅरियर की शुरूआत की.


उदित नारायण शुरु से ही रोमांटिक रहे हैं यह चीज उनके गानों में भी झलकती है. कहा जाता है कि जब उदित कॉलेज में थे उस समय उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं होते थे जिसकी वजह से वह वैलेंटाइन डे पर लड़कियों को तोहफे नहीं दे पाते थे. ऐसे में वह गाने गाकर लड़कियों का दिल बहलाया करते थे.


मुंबई में रहने वाले उदित नारायण ने दो शादियां की हैं. उनकी पहली पत्नी का नाम रंजना झा है जिससे उनका एक बेटा है. उन्होंने दूसरी शादी 1985 में दीपा नारायण से की थी जिन्होंने उनके साथ फिल्म “दिल दीवाना” में गाना भी गाया था. हालांकि उन्होंने अपनी दो बीवियों को लंबे समय तक एक दूसरे से अंजान रखा पर जब मीडिया में उदित नारायण की दो शादियों की खबर आई तो सब सामने आ गया और उनकी पहली पत्नी रंजना झा ने उनके ऊपर केस कर दिया. कोर्ट में केस के बाद उदित नारायण ने अपनी दोनों बीवियों को एक साथ रखने का फैसला किया. उदित नारायण का बेटा आदित्य नारायण भी अभिनेता के साथ-साथ गायक भी है. आदित्य नारायण ने हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘रामलीला’ के गीतों में अपनी आवाज दी है.


जिंदगियों को लील जाती और पता भी नहीं होता


उदित नारायण का कॅरियर

रफी, किशोर कुमार, मन्ना डे, तलत महमूद और महेंद्र कपूर जैसे महान गायकों को अपना गुरु मानने वाले उदित नारायण ने फिल्मी कॅरियर की शुरूआत नेपाली फिल्म “सिंदुर” से की. इस फिल्म में उन्होंने पार्श्वगायिकी की. साल 1978 में वह मुंबई आ गए. 1980 में उन्हें पहली बार किसी फिल्म में गाने का मौका मिला. फिल्म “उन्नीस बीस” में उन्होंने पहली बार हिन्दी फिल्म में गाना गाया. इसके बाद उन्होंने बड़े दिल वाला, तन-बदन आदि फिल्मों में गाना गाया. लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा सफलता मिली सुपरहिट फिल्म “कयामत से कयामत तक” के गीतों के द्वारा. इस फिल्म में उन्होंने “पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा…” जैसे गाने को अपनी आवाज दी. इस गाने के लिए उन्हें पहली बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का फिल्मफेयर अवार्ड मिला.


इसके बाद तो वह हिन्दी सिनेमा के प्रतिष्ठित पार्श्वगायकों में गिने जाने लगे. उन्होंने मशहूर संगीतकारों जैसे ए. आर. रहमान, आर. डी. बर्मन, जगजीत सिंह, विशाल भारद्वाज आदि के साथ काम किया. उदित नारायण ने दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, राजा हिंदुस्तानी, हम दिल दे चुके सनम, लगान, स्वदेश जैसी कई हिट फिल्मों के लिए गाने गाए.


अपने जमाने के महान और बड़े संगीतकारों के साथ काम करने वाले उदित नारायण बतौर गायक भोजपुरी फिल्मों में भी काम किया है. साथ ही उन्होंने भोजपुरी फिल्मों का निर्माण भी किया है. बतौर निर्माता उनकी पहली फिल्म ‘कब होई गौना हमार’ को ‘सर्वश्रेष्ठ भोजपुरी फीचर फिल्म’ के रूप में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के लिए चुना गया था.


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