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वहीदा रहमान (Waheeda Rehman): कल, आज और कल

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भारतीय सिनेमा जगत में ऐसी कम ही कलाकार हैं जो हर रोल में फिट बैठ जाते है. चाहे वह 18 या 19 साल की किसी जवां लड़की का रोल हो या बाद में मां का रोल सभी में उनका अभिनय जबरदस्त ही रहता है. बॉलिवुड की यह सबसे बड़ी खासियत भी है कि यहां प्रतिभा की कमी नहीं है और ऐसी ही एक प्रतिभा हैं वहीदा रहमान (Waheeda Rehman). प्यासा(Pyaasa), सीआईडी (C.I.D.) , कागज के फूल जैसी फिल्मों में अभिनय करने वाली वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) आज के दशक में भी दिल्ली 6 जैसी फिल्मों में अपनी उपस्थिति दर्शाने में सफल रही हैं.


Waheeda Rehmanवहीदा रहमान (Waheeda Rehman) का जन्म 14 मई, 1936 को तमिलनाडु के एक परंपरावादी मुस्लिम परिवार में हुआ था. बचपन से वहीदा डॉक्टर बनना चाहती थी लेकिन उनका भाग्य उन्हें सिनेमा में खींच लाया. मुंबई में आने के बाद वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) और उनकी बहन ने भरतनाट्यम की शिक्षा ली.


फिल्मी कैरियर की शुरुआत उन्होंने 1955 में दो तेलुगू फिल्मों के द्वारा की और दोनों ही हिट रहीं जिसका फायदा उन्हें गुरुदत्त (Guru Dutt) की फिल्म “सीआईडी” में खलनायिका के रोल के रुप में मिला. फिल्म में वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) के अभिनय की सबने सराहना की और गुरुदत्त तो उनके कायल ही हो गए.


इसके बाद गुरुदत्त ने वहीदा  के साथ कई फिल्में की जिनमें प्यासा सबसे चर्चित फिल्म रही है. फिल्म प्यासा से ही गुरु दत्त और वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) का विफल प्रेम प्रसंग आरंभ हुआ. गुरुदत्त एवं वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) अभिनीत फिल्म कागज के फूल (1959) की असफल प्रेम कथा उन दोनों की स्वयं के जीवन पर आधारित थी. दोनों ही कलाकारों ने फिल्म चौदहवीं का चाँद (1960) और साहिब बीबी और गुलाम (1962) में साथ साथ काम किया.


हालांकि कुछ समय बाद गुरुदत्त और वहीदा अलग हो गए. 10 अक्टूबर, 1964 को गुरुदत्त ने कथित रुप से आत्महत्या कर ली थी जिसके बाद वहीदा अकेली हो गई, लेकिन फिर भी उन्होंने कैरियर से मुंह नहीं मोड़ा और 1965 में “गाइड” के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड का पुरस्कार मिला. 1968 में आई “नीलकमल” के बाद एक बार फिर से वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) का कैरियर आसमान की बुलंदियों पर चढ़ने लगा.


Waheeda Rehmanसाल 1974 में उनके साथ काम करने वाले अभिनेता कमलजीत ने उनसे शादी का प्रस्ताव रखा जिसे वहीदा रहामान ने सहर्ष स्वीकार कर लिया और शादी के बंधन में बंध गई. साल 1991 में फिल्म “लम्हे” के बाद उन्होंने फिल्मों में काम करने से ब्रेक ले लिया और घर बसाने की तरफ ज्यादा ध्यान देने लगी.


साल 2000 उनके जिंदगी में एक और धक्के के रुप में आया जब उनके पति की आकस्मिक मृत्यु हो गई पर वहीदा ने यहां भी अपनी इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करते हुए दुबारा फिल्मों में काम करने का निर्णय लिया और वाटर, रंग दे बसंती और दिल्ली 6 जैसी फिल्मों में काम किया.


अभिनय के क्षेत्र में बेमिसाल प्रदर्शन के लिए उन्हें साल 1972 में पद्म श्री और साल 2011 में पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इसके साथ वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) को दो बार बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिल चुका है.


आज भी वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) फिल्मों में सक्रिय हैं और भारतीय सिनेमा के स्वर्ण काल की याद दिलाती हैं.

वहीदा रहमान की ज्योतिषीय विवरणिका देखने के लिए यहां क्लिक करें.


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