Menu
blogid : 3738 postid : 732767

दुनिया के पहले सिख गुरु नानक नहीं थे तो फिर कौन था पहला सिख, धर्म के इस चैप्टर को करीब से जानें

Special Days
Special Days
  • 1020 Posts
  • 2122 Comments

सिख धर्म दुनिया का एक ऐसा धर्म है जिसने हमेशा ही मानव मात्र की भलाई के लिए खुद को अर्पित किया है. यह एकेश्वरवादी धर्म है जिसके अनुयायियों को सिख कहा जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया को मानवता का पाठ पढ़ाने वाले सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव के प्रथम अनुयायी कौन थे.

sikh


आपको जानकार हैरानी होगी कि पैगम्बर, दार्शनिक, राजयोगी, गृहस्थ, त्यागी, धर्मसुधारक, समाज-सुधारक, कवि, संगीतज्ञ और देशभक्त गुरुनानक देव की प्रथम अनुयायी उनकी ही बहन ‘बेबे नानकी’ थीं. इन्हीं को ही प्रथम सिख माना जाता है.

गुरुनानक देव से पांच साल बड़ी बेबे नानकी का जन्म 1464 में पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था. साखियों में उद्धृत गुरुनानक देव का अपने बहन के प्रति प्यार काफी मर्मस्पर्शी था. वही दूसरी तरफ एक बहन का अपने भाई के प्रति प्यार पंजाबी लोकसाहित्य का सदाबहार प्रसंग है. नानकी का अपने भाई गुरुनानक देव के प्रति गहरे स्नेह और समर्पण को लेकर बहुत सारी कहानियां उपलब्ध हैं.


Read: इंदिरा को डर था कि ये अभिनेत्री उनकी सियासत के लिए खतरा बन सकती है


turban


बेबे नानकी गुरुनानक देव की पहली आध्यात्मिक भक्त/उपासक थीं. नानक के प्रति श्रद्धा को देखकर ही उन्हें पहला सिख होने का दर्जा प्राप्त है. कम ही लोगों को पता होगा कि बचपन में जब पिता कालू अपने बेटे (नानक) पर क्रोधित होते थे, उस दौरान बेबे नानकी ही पिता से उनकी रक्षा करती थीं.


इनकी सूरत में आप अपना भी भविष्य देख सकते हैं लेकिन ध्यान से, हकीकत डरवानी होती है!


nanaki


नानकी अपने भाई से बहुत ही ज्यादा प्यार करती थीं. वह खुद को बहुत ही ज्यादा भाग्यशाली मानती थीं कि वह नानक की बहन हैं. वह नानक के हर कामों में उनकी सहायता करती थीं. नानक के पुत्र लक्ष्मीदास अथवा लक्ष्मीचन्द को वह अपने बेटों की तरह मानती थी. उधर नानक भी जानते थे कि नानकी का उनके प्रति बहुत ज्यादा लगाव है इसलिए जब वह सब कुछ छोड़-छाडकर जीवन का उपदेश देने के लिए निकले तो उस दौरान सुल्तानपुर में जाकर अपनी बहन से मिलना ना भूले.


Read more:

गुरू नानक देव जी और उनकी शिक्षाएं

पढ़ें गुरु नानक जी के 10 उपदेश

आपत्तिकाल काल में मुक्ति संदेश लेकर अवतरित हुए गुरुनानक

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh