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चकाचौंध से भरी विलासिता और भौतिकता के बाहुपाश में इंसान इस कदर जकड़ा हुआ है कि उसे अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान नहीं है. आधुनिक विश्व में कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिससे सबसे ज्यादा लोगों की मृत्यु होती है. विश्व में इस बीमारी की चपेट में सबसे अधिक मरीज हैं.
विश्व कैंसर दिवस की शुरुआत विश्व में कैंसर के प्रति जागरुकता और इसके बचाव के तरीकों के बारें में अधिक से अधिक लोगों को परिचित कराने के लिए हुई थी. 4 फरवरी 2006 में पहली बार विश्व कैंसर दिवस मनाया गया था. एक अनुमान के मुताबिक 2005 में 7.6 लाख लोग कैंसर से मौत के आगोश में समा गए थे. इसी कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हर साल विश्व कैंसर दिवस की तरह मनाने का निर्णय लिया ताकि इस भयानक बीमारी के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाई जा सके.
दुनिया में फेफड़े के कैंसर से सबसे अधिक लोग पीड़ित हैं. इसका मुख्य कारण धूम्रपान कैंसर आज दुनिया में एक ऐसी बीमारी बन चुकी है जिसका नाम सुनते ही कई लोगों के पैरों तले जमीन खिसक जाती है. जानकार मानते हैं कि कैंसर लाइलाज नहीं है बस जरूरत है इसका सही समय पर पता चलने की और सही इलाज की. एक आम आदमी के लिए यह जरूर एक लाइलाज बीमारी हो सकती है लेकिन इसका महंगा इलाज इसे अमीर लोगों के लिए साध्य बनाता है. यह समाज के लिए बहुत बुरा है कि कैंसर जैसे रोग भी अमीर और गरीब के बीच अंतर देखते हैं.
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कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी पूरे विश्व में समस्या का विषय है और इस बीमारी का इलाज पता करने की जिम्मेदारी न केवल डॉक्टरों व वैज्ञानिकों की है बल्कि हममें से हर किसी की है.
कैंसर के लक्षण
कैंसर का इलाज
कैंसर का पता बायोप्सी नामक टेस्ट से चलता है. इसके बाद कैंसर का पता लगाने के बाद जो इलाज किया जाता है, उसमें कीमोथेरेपी प्रमुख है. कीमोथेरेपी कैंसर के असर को कम करने के लिए दी जाती है. उदाहरण के लिए अगर कैंसर चौथी स्टेज पर हो तो यह थैरेपी इसे दूसरी स्टेज पर ले आती है. यह हर तरह के कैंसर में नहीं दी जा सकती. इसी तरह रेडियोथेरेपी शरीर में कैंसर के ऊतकों को कम करने के लिए दी जाती है.
डॉक्टर मानते हैं कि कैंसर ठीक हो सकता है बशर्ते इसका डटकर सामना किया जाए. हमें इससे डरना नहीं चाहिए. कैंसर पर विजय हासिल करने में इन सुझावों पर ध्यान दें:
* जांच होने के बाद कैंसर के उपचार का पहला अवसर ही सर्वश्रेष्ठ अवसर है. इस अवसर को गंवाना जानलेवा हो सकता है.
* निकट के कैंसर संस्थान का ही उपचार के लिए चयन करें, ताकि आप लम्बे इलाज के लिए आवश्यकतानुसार समय-समय पर अपने विशेषज्ञ के पास पहुंच सकें.
* कैंसर विशेषज्ञ की ही बातों पर अमल करें. गैर-जानकार व्यक्ति की सुनी-सुनाई बातों को सुन आप भ्रमित हो सकते हैं.
* बॉयोप्सी जांच से कैंसर फैलता नहीं है. इस गलत धारणा के कारण बहुत से लोग अपना उपचार समय से न कराकर मर्ज बढ़ा लेते हैं. बॉयोप्सी से ही कैंसर के प्रकार व संभावित उपचार का निर्धारण होता है.
कैंसर विशेषज्ञ से रोग की वार्षिक जांच कराते रहने से रोग का प्रारंभिक अवस्था में पता चल जाता है. प्रारंभिक अवस्था में अधिकांश कैंसर पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, बशर्ते आप पूरी तरह से मन लगाकर उपचार में जुट जाएं.
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कैंसर की रोकथाम के कुछ उपाय:
* सिगरेट व शराब का सेवन कम करें इनसे फेफड़ों, सिर व गले के कैंसर का खतरा हो सकता है.
* ज्यादा तला भुना व वसा युक्त भोजन कम खाएं, इससे ब्रेस्ट व प्रोस्ट्रेट कैंसर का खतरा होता है.
* स्वस्थ रहने के लिए रोज व्यायाम करें.
* फेफड़ो के कैंसर से बचने के लिए किसी भी प्रकार के केमिकल्स जैसे फंगीसाइड, इंसेक्टिसाइड, पेन्ट, क्लीनर से दूर रहें.
* अपने जीवनसाथी के प्रति वफादार रहें.
* गर्मियों के मौसम में सूरज की किरणों के संपर्क में आने से बचें, ऐसा करके आप स्किन कैंसर से बच सकते हैं.
* अपनी सुरक्षा के लिए ब्रेस्ट व प्रोस्ट्रेट कैंसर से बचने के लिए कुछ रेगुलर चेकअप कराते रहें.
कैंसर से चिकित्सा के कुछ उपाय:
* रेडिएशन्स की मदद से कैंसर को ठीक किया जा सकता है. एक नई चिकित्सा पद्धति के अनुसार अब रेडिएशन्स की मदद से चिकित्सा के दौरान दूसरे शरीर के भागों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता.
* कीमोथेरेपी की मदद से भी कैंसर का इलाज संभव है.
विश्व को कैंसर मुक्त करने के लिए आप भी कदम बढ़ाएं और खुद तथा अपने सगे सबंधियों को तंबाकू, सिगरेट, शराब आदि से दूर रहने की सलाह दीजिए.
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