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World Population Day 2012
जब बात विश्व जनसंख्या की आती है तो दिन दोगुना रात चौगुनी की कहावत भी कम पड़ जाती है. आज विश्व जनसंख्या का विस्फोट इस तरह दुनिया पर भारी पड़ रहा है जिसकी उम्मीद भी नहीं की जा सकती. क्या आप जानते हैं अकेले भारत में प्रति मिनट कितने बच्चे पैदा होते हैं? नहीं. तो जानिए कि भारत में प्रति मिनट 25 बच्चे पैदा होते हैं. यह आंकड़ा वह है जो बच्चे अस्पतालों में जन्म लेते हैं. अभी इसमें गांवों और कस्बों के घरों में पैदा होने वाले बच्चों की संख्या नहीं जुड़ी है.
Population of India
अब सोच कर देखिए जब अकेले भारत में इतने बच्चे एक मिनट में पैदा होते होंगे तो विश्व में कितने बच्चे प्रति मिनट धरती पर आते होंगे. हम जनसंख्या तो बढ़ा रहे हैं लेकिन संसाधनों को इस तरह खत्म कर रहे हैं कि हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए संसाधनों के खत्म होने का डर लगा हुआ है.
What is World Population Day?
जागरुकता के नाम पर भारत में कई कार्यक्रम चलाए गए, ‘हम दो हमारे दो का नारा’ लगाया गया लेकिन लोग ‘हम दो हमारे दो’ का बोर्ड तो दीवार पर लगा देख लेते हैं और घर जाकर उसे बिलकुल भूल जाते हैं और तीसरे की तैयारी में जुट जाते हैं. भारत में गरीबी, शिक्षा की कमी और बेरोजगारी ऐसे अहम कारक हैं जिनकी वजह से जनसंख्या का यह विस्फोट प्रतिदिन होता जा रहा है.
देश में जिस गति से आबादी बढ़ रही है उस हिसाब से देश के संसाधनों पर सन 2026 तक न केवल 40 करोड़ और लोगों का दबाव बढ़ जाएगा, बल्कि हम जनसंख्या के मामले में चीन को भी पीछे छोड़ देंगे.
History of World Population Day
विश्व जनसंख्या दिवस 1987 से मनाया जा रहा है. दरअसल उस वर्ष विश्व की जनसंख्या पांच अरब को पार कर गई. संयुक्त राष्ट्र ने जनसंख्या वृद्धि को लेकर दुनियाभर में जागरूकता फैलाने के लिए यह दिवस मनाने का निर्णय लिया. पृथ्वी की कुल आबादी इस समय 7 अरब से भी ज्यादा है. सन 2030 और 2040 के बीच विश्व की जनसंख्या के नौ अरब का आंकड़ा पार कर जाने की संभावना है.
अगर जल्द ही वैश्विक तौर पर जनसंख्या कंट्रोल के अहम कदम ना उठाए गए तो इस बात का डर है कि जनसंख्या का विस्फोट संसाधनों को निगल जाए और हालात विश्व युद्ध के बन जाएं.
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