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Tourism Day: वक्त आ गया है दुनिया से मेल-मिलाप का

Special Days
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आज मानव के जीवन शैली में पूरी तरह से बदलाव आ चुका है. वह काम भी ज्यादा करता है, तनाव भी लेता है लेकिन जब जरूरत होती है अपने आप को तनावमुक्त करने की तो वह सब कुछ भूलकर किसी और जगह की ओर देखता है जहां उसे वह तमाम आनंद मिले जिसे वह समेटकर अपनी दिमाग में संरक्षित कर सके. इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हर देश पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है. 27 सितम्बर को विश्व पर्यटन दिवस (World Tourism Day) मनाया जाता है.


अर्थव्यवस्था की रीड

पर्यटन की किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है. आज के समय में जहां हर देश की पहली जरूरत अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है वहीं आज पर्यटन के कारण कई देशों की अर्थव्यवस्था पर्यटन उद्योग के इर्द-गिर्द घूमती है. यूरोपीय देश, तटीय अफ्रीकी देश, पूर्वी एशियाई देश, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया आदि ऐसे देश हैं जहां पर पर्यटन उद्योग से प्राप्त आय वहां की अर्थव्यवस्था को मजबूत करती है.

आज पूरे संसार में पर्यटन एक बडी आबादी को पालने वाला व्यवसाय बन गया है. अब हम पर्यटन के कई रूप भी देखते हैं जैसे बायो टूरिज्म, मेडिकल टूरिज्म, एजुकेशनल टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, इको टूरिज्म आदि. हालांकि इन सभी पर्यटन यात्राओं का मकसद मन को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना और खुद को नई-नई चीजों से मिलवाना होता है.


पर्यटक न हो तो

पर्यटक उद्योग किसी की अर्थव्यवस्था को किस तरह से प्रभावित करता है. उसे आप हाल में आई उत्तराखंड के प्राकृतिक आपदा से अनुमान लगा सकते हैं. जून में उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा ने सैकड़ों मकानों,  दुकानों, सड़कों और पुलों को बहा कर पहाड़ का भूगोल ही नहीं बदला बल्कि यहां रहने वाले तमाम लोगों का भविष्य भी अनिश्चितता के भंवर में धकेल दिया है. जो राज्य पूरा साल अपने पर्यटकों की वजह से सराबोर रहता था आज वही राज्य और वहां के लोग भूखे मर रहे हैं. सड़क के किनारे ढाबे लगाने वालों से लेकर होटलों में काम करने वाले कर्मचारियों तक हर कोई बेरोजगार हो गया है. फिलहाल धिरे-धिरे हालात सुधर रहे हैं.


भारत में पर्यटन

आज भारत में भी पर्यटन उद्योग बहुत फल-फूल रहा है. भारत असंख्‍य अनुभवों और मोहक स्‍थलों का देश है. चाहे भव्‍य स्‍मारक हों, प्राचीन मंदिर या मकबरे हों, इसके चमकीले रंगों और समृद्ध सांस्‍कृतिक विरासत का प्रौद्योगिकी से चलने वाले इसके वर्तमान से अटूट संबंध है. केरल, शिमला, गोवा, आगरा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, मथुरा, काशी जैसी जगहें तो अपने विदेशी पर्यटकों के लिए हमेशा चर्चा में रहती हैं

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