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World Water Day 2012
कहते हैं इंसान बिना खाना खाए तो कई दिनों तक जिंदा रह सकता है लेकिन बिना पानी पिए उसकी जिंदगी महज दो या तीन दिन ही चल सकती है. जीवन के लिए जल कितना अधिक महत्व रखता है यह इसी बात से पता चलता है कि हमारे शरीर का अधिकतर भाग भी जल ही है. लेकिन इतना अधिक महत्व रखने वाले पानी के प्रति हमारा दृष्टिकोण बेहद साधारण और गैर-जिम्मेदाराना है.
कहने को यूं तो पृथ्वी पर 70% से ज्यादा में पानी का साम्राज्य है लेकिन वह पानी पीने योग्य नहीं है. पीने योग्य मात्र कुछ प्रतिशत पानी है जो नदियों, झरनों, तालों आदि के रूप में है. लेकिन नदी, तालाबों और झरनों को तो हम पहले ही कैमिकल की भेंट चढ़ा चुके हैं, जो बचा खुचा है उसे अब हम अपनी अमानत समझ कर अंधाधुंध खर्च कर रहे हैं.
लेकिन कहते हैं कि अति हर चीज की बुरी होती है. आज विश्व के कई ऐसे जगह हैं जहां पानी के लिए लोग तरसने लगे हैं और इस जगहों में भी भारत का स्थान अहम है. यहां भी अगर आप दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में रहते हैं तो आपको सबसे बड़ा डर पानी के ना आने का ही रहता है. गुजरात और थार जैसी जगहों पर तो पानी की किल्लत ऐसी है कि यहां महिलाओं की जिंदगी का एक अहम हिस्सा पानी का जुगाड़ करने में ही निकल जाता है. एक अनुमान के मुताबिक पिछले 50 वर्षों में पानी के लिए 37 भीषण हत्याकांड हुए हैं.
पानी को जिस तरह से बर्बाद किया जा रहा है उसे देखते हुए हर देश चिंतित है. हर देश में पानी के लिए टैक्स, बिल, बर्बादी करने पर सजा आदि का प्रावधान है लेकिन फिर भी लोग पानी की सही कीमत को नहीं समझ पाते. जिन्हें यह आसानी से मिल जाता है वह इसकी खूब बर्बादी करते हैं.
विश्व जल दिवस : World Water Day
पानी बचाने के लिए जागरुकता और लोगों को इसके लिए उत्तरदायी बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने 1992 के अपने अधिवेशन में 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रुप में मनाने का निश्चय किया जिस पर सर्वप्रथम 1993 को पहली बार 22 मार्च के दिन पूरे विश्व में जल दिवस के मौके पर जल के संरक्षण और रखरखाव पर जागरुकता फैलाने का कार्य किया गया.
World Water Day 2012 : ‘Water and Food Security’
विश्व जल दिवस 2012
विश्व जल दिवस 2012 का थीम है “जल और भोजन सुरक्षा”. जल अगर जीवन देता है तो इसका गलत प्रयोग या दूषित रूप जीवन ले भी सकता है. आज गंदे और दूषित पानी की वजह से दुनिया भर में प्रतिवर्ष करोड़ो लोगों की जान चली जाती है. गंदे पानी से पीलिया, डायरिया, हैजा आदि जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं. इसके साथ ही पानी के बिना अच्छे भोजन की कल्पना भी व्यर्थ है. पानी का इस्तेमाल खाना बनाने के लिए सबसे अहम होता है. खेतों में फसल से लेकर घर में आंटा गूथने तक में पानी चाहिए. इसी बात को ध्यान में रखकर इस बार का थीम “जल और भोजन सुरक्षा” रखा गया है.
जिस तरह पानी को बर्बाद करना बेहद आसान है उसी तरह पानी को बचाना भी बेहद आसान है. अगर हम अपने दैनिक जीवन की छोटी-छोटी बातों पर गौर करें तो काफी हद तक पानी की बर्बादी को रोक सकते हैं.
आइये हम पानी को बचाने के लिए भी कुछ आसान उपाय देखें:
1) नल से पानी की रिसाव को रोकें. कपड़े धोते समय या ब्रश करते समय नल खुला ना छोड़ें.
2) वर्षा से जल संरक्षण करें.
3) नहाते समय बाल्टी का प्रयोग करें ना कि शावर का.
4) ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को इसका मूल्य समझाएं.
5) सब्जी धोने के लिए जिस पानी का प्रयोग होता है उसे बचाकर गमलों में डाला जा सकता है.
6) कार या गाडी धोते समय पानी का पाइप इस्तेमाल करने से बेहतर है हम झाडू या पोंछे का इस्तेमाल करें.
यह तो मात्र सिर्फ कुछ छोटे-छोटे उपाय थे जिनसे हम पानी बचा सकते हैं. अगर इसी तरह रोजमर्रा के जीवन में हम अपनी आदतों को सुधारें तो बहुत जल बचा सकते हैं. तो आइए जल बचाएं, जीवन बचाएं.
World Water Day 2012: How to Save Water
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