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यह सुनने में बहुत ही आश्चर्यजनक लगता है कि जिस कपूर परिवार ने भारतीय सिनेमा में शुरू से ही राज कपूर, शम्मी कपूर, शशि कपूर और ऋषि कपूर जैसे बेहतरीन कलाकार दिए हैं वहां ऐसी धारणा है कि घर की स्त्रियों को फिल्मों में काम करने नहीं दिया जाता था. तब इसी खानदान की चौथी पीढ़ी से आई एक 16 साल की बच्ची ने बगावत करके न केवल फिल्मों में प्रवेश किया बल्कि उसमें सफलता भी प्राप्त की. यहां बात हो रही है अभिनेत्री करिश्मा कपूर (Karishama Kapoor) की.
वैसे चुलबुली सी दिखने वाली अभिनेत्री करिश्मा कपूर (Karishama Kapoor) की मानें तो कपूर खानदान में महिलाओं को फिल्मों में काम करने की मनाही शुरू से ही नहीं थी. उनका मैगजीन को दिए साक्षात्कार में कहना था कि कपूर परिवार के पुरुषों ने अभिनेत्रियों से शादियां कीं जिसमे मेरी मां और नीतू आंटी शामिल हैं. इन सभी ने शादी के बाद फिल्मों में काम न करने का फैसला अपने आप किया. मेरी बुआओं में से एक की शादी कम उम्र में ही हो गई थी. दूसरी को फिल्मों में दिलचस्पी नहीं थी. तो यह धारणा बन गई कि कपूर खानदान की लड़कियां फिल्मों में काम नहीं कर सकतीं. लेकिन जब मैं कपूर परिवार से फिल्मों में दाखिल हुई तब यह हवा उड़ने लगी कि करिश्मा ने कपूर परिवार की सारी सीमाएं तोड़ दी.
अपने दादा राज कपूर को प्रेरणास्रोत मानने वाली करिश्मा ने अभिनय की एबीसीडी अपनी मां बबिता से सीखी. उन पर अपनी मां का सिर्फ अभिनय ही नहीं बल्कि पूरे व्यक्तित्व पर प्रभाव पड़ा. उन्हीं की देखरेख में करिश्मा पली पढ़ीं. “प्रेम कैदी” में जब पहली बार करिश्मा दर्शकों से रूबरू हुईं, तो उनके लुक को लेकर काफी आलोचना हुई, पर इससे उनका हौसला कम नहीं हुआ. उन्होंने अपने लुक पर काफी मेहनत की और समय बीतने के साथ एक ग्लैमरस और सफल अभिनेत्री के रूप में अपनी पहचान बनाई. गोविंदा, डेविड धवन और करिश्मा की तिकड़ी ने कई यादगार हिट कॉमेडी फिल्में दीं, जिनमें राजा बाबू, कुली नंबर वन और साजन चले ससुराल जैसी फिल्में उल्लेखनीय हैं. इनमें करिश्मा की कॉमिक टाइमिंग लाजवाब रही.
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दूसरी तरफ राजा हिन्दुस्तानी, जुबैदा और फिजा में अपने अभिनय से एक संजीदा अभिनेत्री के रूप में भी वे दर्शकों द्वारा पसंद की गईं. लोलो के उपनाम से मशहूर करिश्मा के फिल्मी करियर में राजा हिन्दुस्तानी टर्निंग प्वॉइंट रही. जुबैदा में करिश्मा ने अपने अभिनय से दर्शकों के साथ-साथ आलोचकों को भी लुभाया और समकालीन अभिनेत्रियों की तुलना में काफी आगे निकल गईं. करिश्मा ने पिछले साल आई फिल्म डेंजरस इश्क से छह सालों बाद बॉलीवुड में वापसी की थी. यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास धमाल नहीं मचा पाई.
करिश्मा कपूर (Karishama Kapoor) का जन्म 25 जून, 1975 को मुंबई में हुआ था. करिश्मा की मां बबिता भी हिंदी फिल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं. उनके पिता रणधीर कपूर तो यूं भी किसी परिचय की जरूरत नहीं हैं. कपूर खानदान से होने के बाद भी करिश्मा कपूर इकलौती कपूर खानदान की सदस्य हैं जिन्हें फिल्मों में काम पाने के लिए स्ट्रगल करना पड़ा. जहां करीना कपूर और रणबीर कपूर को स्टारडम विरासत में मिली वहीं करिश्मा ने काम के लिए एक नए कलाकार की तरह स्ट्रगल किया. मां बबिता के दबाव में आकर पढ़ाई अधूरी छोड़ उन्होंने फिल्मों में काम करना शुरू किया था.
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