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जब बात खूबसूरती और अभिनय में तालमेल बैठाने की होती है तब बॉलीवुड में ऐसी कम ही अभिनेत्रियां हैं जो इस मामले में खरी उतरती हैं. 1973 में आई फिल्म ‘बॉबी’ में ऋषि कपूर के साथ, 1994 में आई फिल्म ‘क्रांतिवीर’ में नाना पाटेकर के साथ और 2001 में आई फिल्म ‘दिल चाहता है’ में अक्षय खन्ना के साथ हिरोइन की भूमिका में दिखने वाली डिंपल कपाडिया भी एक ऐसी अदाकारा हैं जिन्होंने कई सालों तक अपनी खूबसूरती से दर्शकों को प्रभावित किया.
डिंपल कपाडिया का जीवन
चुन्नीभाई कपाडिया की बेटी डिंपल कपाडिया का जन्म 8 जून, 1957 को हुआ था. बचपन से ही डिंपल को फिल्मों का बहुत शौक था. उनका यह शौक 16 साल की उम्र में ही पूरा हो गया जब राजकपूर ने अपनी फिल्म ‘बॉबी’ के लिए एक नए चेहरे की तलाश के रूप में डिंपल को सलेक्ट किया. इस फिल्म को युवाओं ने खूब पसंद किया. इस फिल्म के बाद डिंपल की शादी राजेश खन्ना से हो गई.
1984 के बाद उन्होंने दुबारा फिल्में करनी शुरू की और ‘सागर’, ‘जांबाज’, ‘ज़ख्मी औरत’ और ‘रुदाली’ जैसी फिल्मों में काम किया. फिर उसके बाद 1994 में आई फिल्म ‘क्रांतिवीर’ में वे ‘कलम वाली बाई’ की भूमिका में दिखीं. यह फिल्म उस समय की सुपरहिट रही. इसके बाद से वह लगातार छोटी-बड़ी फिल्मों के साथ जुड़ी रहीं. उनकी हाल की फिल्मों में ‘दबंग’, ‘कॉकटेल’ और ‘जब तक है जान’ रही हैं.
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डिंपल कपाडिया को फिल्मी पुरस्कार
डिंपल कपाड़िया को अब तक तीन बार फिल्मफेयर पुरस्कार दिया जा चुका है. ‘बॉबी’ के लिए उन्हें पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया. इसके बाद वर्ष 1985 में प्रदर्शित फिल्म ‘सागर’ के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री और 1994 में प्रदर्शित फिल्म ‘क्रांतिवीर’ के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया. साथ ही ‘रुदाली’ के लिए भी उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है.
डिंपल कपाडिया की प्रमुख फिल्में
‘अर्जुन’, ‘अल्ला रक्खा’, ‘इंसाफ’, ‘राम लखन’, ‘बीस साल बाद’, ‘प्रहार’, ‘अजूबा’, ‘नरसिम्हा’, ‘गर्दिश’, ‘क्रांतिवीर’, ‘मृत्युदाता’, ‘दिल चाहता है’, ‘बीइंग सायरस’, ‘फिर कभी’, ‘दबंग’, ‘पटियाला हाउस,’ ‘जब है जान’ आदि.
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