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नवरात्र: कैसे प्रसन्न होंगी मां भगवती !!

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chaitra navratra 2013इस बार नवरात्रों का पावन पर्व 11 अप्रैल, 2013 (गुरुवार) से आरंभ हो रहा है. भक्तजन इस पावन पर्व के दिन माता भगवती की आराधना में पूरी तरह से लीन हो जाते हैं. चैत्र मास के नवरात्र को ‘वार्षिक नवरात्र’ कहा जाता है. कुछ वर्ष पहले तक चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri  in hindi)के प्रति लोगों में विशेष दिलचस्पी नहीं दिख रही थी लेकिन धीरे-धीरे इसके प्रति श्रद्धा व भक्ति बढ़ती जा रही है.


व्रत के दौरान खान-पान में सावधानियां : नवरात्र स्पेशल


इन दिनों नवरात्र पर्व (Navratri Festival) में शास्त्रों के अनुसार कन्या या कुमारी पूजन किया जाता है. कुमारी पूजन में दस वर्ष तक की कन्याओं का विधान है. नवरात्रि के पावन अवसर पर अष्टमी तथा नवमी के दिन कुमारी कन्याओं का पूजन किया जाता है.


पूजन विधि और घट स्थापना

नवरात्र पर्व (Navratri Festival) के प्रथम दिन स्नान आदि के बाद घर में धरती माता, गुरुदेव व इष्ट देव को नमन करने के बाद गणेश जी का आह्वान करना चाहिए. इसके बाद कलश की स्थापना करनी चाहिए. इसके बाद कलश में आम के पत्ते व पानी डालें. कलश पर पानी वाले नारियल को लाल वस्त्र या फिर लाल मौली में बांध कर रखें. उसमें एक बादाम, दो सुपारी एक सिक्का जरूर डालें. इसके बाद मां सरस्वती, मां लक्ष्मी व मां दुर्गा का आह्वान करें. जोत व धूप बत्ती जला कर देवी मां के सभी रूपों की पूजा करें. नवरात्र के खत्म होने पर कलश के जल का घर में छींटा मारें और कन्या पूजन के बाद प्रसाद वितरण करें.


चैत्र नवरात्र : शक्ति की उपासना का समय


नवरात्र पर्व (Navratri Festival) के दिनों में नित्य दुर्गा सप्तसती, दुर्गा चालीसा अथवा दुर्गा सप्तसती में वर्णित सप्त श्लोकी दुर्गा, दुर्गा स्त्रोत सतनाम व देवी कवचम्, देवी सूक्तम व सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ करना चाहिए. पाठ के अंत में क्षमा याचना जरूर करनी चाहिए. नवरात्र पर्व (Navratri Festival) पर साधक को ब्रह्मचर्य व्रत का पालन कर अनाज का परित्याग करना चाहिए. नवरात्र के दौरान दूध फल व सिंघाडे़ के आटे का प्रयोग करना चाहिए. अष्टमी व नवमी को कन्या पूजन अवश्य करना चाहिए.


माता के नौ रूपों की पूजा

नवरात्र पर्व (Navratri Festival) में माता के अग्रलिखित नौ रूपों की पूजा की जाती है: प्रथम-शैलपुत्री,  दूसरी-ब्रह्मचारिणी, तीसरी-चन्द्रघंटा, चौथी-कुष्मांडा, पांचवी-स्कंधमाता, छठी-कात्यायिनी, सातवीं-कालरात्रि, आठवीं-महागौरी, नवमीं-सिद्धिदात्री.


नवरात्र में कलश या घट स्थापना के शुभ मुहूर्त

नवरात्र पर्व (Navratri Festival) के प्रथम दिन कलश स्थापना का मुहूर्त सूर्योदय से प्रातः 7:30 तक है. 11:26 से 12:33 बजे तक अविजित मुहूर्त है. इसमें कलश स्थापित करना सबसे अच्छा माना जाता है.


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