- 1020 Posts
- 2122 Comments
कहते हैं जब कोई इंसान भागदौड़ भरी जिंदगी में सिमट कर रह जाता है तो वह संगीत की तलाश करता है जो उसे न केवल सुकून दे बल्कि उसकी सारी थकान को भी दूर कर सके. संगीत के स्वर-तरंगों एवं वाद्यों से उत्पन्न ध्वनियों द्वारा मानव के मानसिक एवं विभिन्न प्रकार के शारीरिक रोगों का उपचार होता रहा है. संगीत लोगों के दिलों को जोड़ता है. इसमें नफरतों की बेड़ियों को तोड़ने की ताकत होती है.
संगीत दुनिया में हर जगह है. अगर इसे महसूस करें तो दैनिक जीवन में संगीत ही संगीत भरा है. कोयल की कूक, पानी की कलकल, हवा की सरसराहट हर जगह संगीत ही तो है बस जरूरत है तो इसे महसूस करने की. अपनी जिंदगी के व्यस्त समय से कुछ पल सुकून के निकालिए और महसूस कीजिए इस संगीतमय दुनिया की धुन को. संगीत मानव जगत को ईश्वर का एक अनुपम दैवीय वरदान है. यह न सरहदों में कैद होता है और न भाषा में बंधता है. माना हर देश की भाषा, पहनावा और खानपान भले ही अलग हों, लेकिन हर देश के संगीत में सभी सात सुर एक जैसे होते हैं और लय-ताल भी एक सी होती है.
Read:दर-दर की ठोकरें खाना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है
संगीत हर इंसान के लिए अलग मायने रखता है. किसी के लिए संगीत का मतलब अपने दिल को शांति देना है तो कोई अपनी खुशी का संगीत के द्वारा इजहार करता है. प्रेमियों के लिए तो संगीत किसी रामबाण या ब्रह्मास्त्र से कम नहीं.
संगीत की विभिन्न खूबियों की वजह से ही विश्व में संगीत के नाम एक दिन है. यह संगीतज्ञों व संगीत प्रेमियों के लिए बहुत ही खुशी की बात है. प्रत्येक वर्ष 21 जून को विश्व संगीत दिवस मनाया जाता है. विश्व संगीत दिवस को ‘फेटे डी ला म्यूजिक’ (Fête de la Musique) के नाम से भी जाना जाता है. इसका अर्थ म्यूजिक फेस्टिवल है. इसकी शुरुआत 1982 में फ्रांस में हुई. इसको मनाने का उद्देश्य अलग-अलग तरीके से म्यूजिक का प्रोपेगैंडा तैयार करने के अलावे एक्सपर्ट व नए कलाकारों को एक मंच पर लाना है.
वर्तमान समय में संगीत एक ऐसा सशक्त माध्यम है, जो व्यक्ति को शारीरिक-मानसिक रोगों व व्याधियों से मुक्ति प्रदान करता है. कॅरियर के नजरिए से संगीत का क्षेत्र असीम संभावनाओं से भरा है. देश में आये दिन बढ़ते चैनलों ने युवाओं के लिए संगीत के क्षेत्र में काफी संभावनाएं पैदा की हैं. लोगों में जहां एक ओर डाक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर आदि बनने की ख्वाहिश रहती है, वहीं आज बदले परिवेश में गायक, वादक व नर्तक बनने की चाहत रखने वालों की भी तादाद बढ़ी है.
Read Comments