Menu
blogid : 14778 postid : 1375786

बिना संस्कार की शिक्षा

CHINTAN JAROORI HAI
CHINTAN JAROORI HAI
  • 179 Posts
  • 948 Comments

गुरु कुम्हार शिशु कुम्भ है गढ़ गढ़ काढ़े खोट
भीतर से सहलाये के बाहर मारे चोट
यह पहले का ज़माना था जब कबीर दास जी ने कहा है कि गुरु कुम्हार के समान शिष्य रुपी घड़े को आकार देता है जिसमें भीतर से सहलाते हुए बाहर से हलकी चोट देने की जरूरत होती है I मगर अफ़सोस के साथ कहना पड़ रहा है कि आज की नयी शिक्षा नीति इसके बिलकुल विपरीत है आज सहलाना तो चल रहा है परन्तु चोट का पूर्णतः अभाव है जिसके फलस्वरूप नयी पीढ़ी बिगड़ती जा रही है जिसका उदाहरण आये दिन अखबार में बच्चों द्वारा किये गए अपराध के रूप में दिखाई दे रहा है I
आज विद्यार्थियों को उनके अधिकार तो खूब बताये जा रहे हैं मसलन उनको कोई अध्यापक दंड नहीं दे सकता है या फिर उनके द्वारा किया गया अपराध बाल अपराध माना जायेगा और कोई बड़ी सजा भी नहीं होगी इत्यादि I मगर उनके कर्तव्यों के बारे में किसी ने नहीं बताया संस्कार देने की बात तो दूर हर अभिभावक यह कहता नज़र आता है कि मैंने जो अपने जीवन में नहीं किया इसे वो करने से नहीं रोकूंगा I फलतः आज की पीढ़ी सब कुछ बिना अभाव के बिना किसी रोक टोक के हाथों हाथ पा रही है और आने वाले जीवन में कुछ ज़रा सा भी न मिल पाने पर अवसाद की स्थिति में आकर आत्महत्या करने पर मज़बूर है I या फिर छोटी सी चीज़ पाने के लिए किसी भी हद तक जाने को मज़बूर है यहां तक की हत्या और बलात्कार तक करने में भी नहीं झिझक रही है I
यह समाज में हद पार न करने की सीमा का ज्ञान संस्कारों द्वारा दिया जाता है I टूटते परिवार की वजह से संस्कार देने वाले बुज़ुर्ग तो रहे नहीं I पैसे कमाने की होड़ में जुटे होने के कारण कमाऊ माता पिता के पास भी समय नहीं है I बचा केवल अध्यापक जिसके हाथ नए कानूनों के तहत पहले से ही बंधे हैं अब इन सबके गंभीर परिणाम आरूषी केस , रयान स्कूल मर्डर केस , या फिर हाल ही में छात्र द्वारा अपनी माँ और बहिन की हत्या के केस के रूप में सामने आने लगे हैं I
समय रहते समाज और सरकार दोनों को जागना होगा और समाज को बनाने वाले गुरु को सहलाने के साथ साथ चोट मरने के अधिकार देने होंगें ताकि वो अध्यापक एक होशियार छात्र के साथ साथ एक अच्छे संस्कारी नागरिक का निर्माण कर सके I अभिभावकों के लिए भी जरूरी है की वो आने वाली पीड़ी को उनके अधिकारों सहित कर्तव्यों का भी बोध कराये I जिससे क़ि एक होनहार छात्र के साथ साथ एक अच्छे नागरिक और एक उत्तम राष्ट्र का भी निर्माण हो सके I

दीपक पांडेय
जवाहर नवोदय विद्यालय
नैनीताल
263135

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply