CHINTAN JAROORI HAI
- 179 Posts
- 948 Comments
पूजी जाती है तुलसी तो
चडता है धतूरा भी
पौधा हर एक औषधी से
भरा तो नहीँ है
आया था दर पे सीता के
साधू बन के वो रावण
हर एक संत के भेष मेँ
देवता तो नहीँ है
हो श्रद्धा औ विश्वास तो
पूजा भी जाता है पत्थर
वरना हर पत्थर एक दूजे से
जुदा तो नहीँ है
धर्म और संस्कृती का
अपना एक वज़ूद है
कथा वाचक की किसी ये
निजी धरा तो नहीँ है
देखता हूँ जो भी यूँ ही
लिख देती है लेखनी
वरना ये कवि कोई
मसखरा तो नहीँ है
Read Comments