AKELA
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तुम्हारी हर कमी खामी नज़रअंदाज़ करते हैं
जैसी भी हो मेरी हो तुम स्वीकार करते हैं
काश जैसा भी हूँ मैं तुम बदलाव की न सोचो
बिन शर्त के बढ़ता रहे उसी को प्यार कहते हैं
न तुम बदलो न हम बदले न प्यार की तासीर बदले
बदले जमाना गम कोई न, जब हालात बदले हैं
शिकवे शिकायत ताक पे रख इजहार कर लो दिल से अब
आशियां दुनियां का छोड़ा तुम्हारे दिल में रहते हैं
आहट वही दस्तक वही आवाज़ जैसे तुम ही हो
सुरूर हर लमहा तुम्हारा इसे इंतज़ार कहते हैं
भूल जाना तुम हमें पर दर्ज हो सीने में तुम
गम खुशी कोई भी मौका हम तैयार रहते हैं
इश्क की जो इम्तेहां तक जाने का इक जुनून है
कैफियत अपनी यही हम इकरार करते है
अहमियत अकेला की बस मासूमियत क्या कम है
साफ लफ्जों में ये माना बस प्यार करते हैं
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